फर्जी बैनामा कर बेच डाली एनआरआइ की करोड़ों की जमीन
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : लोनी के पावी सादिकपुर में एनआरआइ कारोबारी की करीब 50 कर
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : लोनी के पावी सादिकपुर में एनआरआइ कारोबारी की करीब 50 करोड़ की जमीन का फर्जी बैनामा कर बेचने का मामला प्रकाश में आया है। एनआरआइ की शिकायत पर मामले में एसएसपी गाजियाबाद वैभव कृष्ण के आदेश पर 11 आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। आरोप है कि ट्रोनिका सिटी थाने की पुलिस आरोपितों से मिली हुई है। इसी के चलते उन पर शिकंजा नहीं कस रही है। पीड़ित का कहना है कि आरोपित उसे जान से मारने व झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दे रहे हैं।
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर जिले के रहने वाले और वर्तमान में सऊदी अरब के रियाद में रह रहे कारोबारी अब्दुत फत्ताह ने शुक्रवार को गाजियाबाद में प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि उसके पिता अब्दुल बारी, जो सऊदी अरब में प्रोफेसर हैं, ने वर्ष 2006 में लोनी के पावी सादिकपुर गांव में 30 बीघा जमीन स्कूल व कॉलेज बनाने के लिए खरीदी थी। अगस्त 2012 में उन्होंने जमीन की बाउंड्रीवाल कराने के लिए स्पेशल पावर ऑफ अटार्नी इशरत जलाल खान के नाम की। उसकी मियाद मात्र छह माह थी। आरोप है कि इशरत जलाल खान ने स्पेशल पावर ऑफ अटार्नी से अलग एक फर्जी पावर ऑफ अटार्नी बनाई। इसके आधार पर उसने जमीन को बेच बैनामे साथियों के नाम करने शुरू कर दिए। मामले में नवंबर 2014 व जून 2018 को तहसील प्रशासन के अफसरों से मिलकर फर्जी बैनामा कराए जाने व इसके रुकवाने के लिए शिकायत की गई। इसके बावजूद फर्जी आरटीजीएस व चेक का हवाला देकर बैनामे कर दिए गए। एनआरआइ कारोबारी का आरोप है कि तहसील प्रशासन के अफसर-कर्मचारियों पर भी आरोपितों से मिले हुए हैं। एसएसपी के आदेश पर मामले में इशरत जलाल खान, शबाना, मोहम्मद जैद, मकसूद अली, गुलजार, निसावर अली, मोहम्मद यासीन अली, नसीमा चौधरी, इस्तकबाल खान, गफ्फार व अफजाल अहमद के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।