अब घर-आंगन,खेतों में लगे पौधों की गिनती होगी
जागरण संवाददाता गाजियाबाद दिल्ली एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को ध्यान में रखकर अब घर-
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : दिल्ली एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को ध्यान में रखकर अब घर-घर जाकर पौधों की गिनती होगी। खेत-खलिहानों में लगाए गए पौधों का भी सर्वे होगा। वन क्षेत्र के बाहर पहली बार पौधों की निगरानी के लिए अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य वन क्षेत्र का सही पता लगाया जाना है। साथ ही पौधों को लेकर समाज के ऐसे लोगों का भी विवरण तैयार होगा, जो खुद ही पर्यावरण, प्रदूषण और पौधारोपण को लेकर गंभीर है। ऐसे लोगों को सम्मानित किए जाने की भी योजना है। खेतों में लगाए गए पौधों की गिनती के साथ ही जियो टैगिग भी की जाएगी। पहली बार वन विभाग की टीमों द्वारा सरकारी स्तर के अलावा निजी तौर पर लगाए जाने वाले पौधों की गिनती के साथ उनके रख-रखाव पर भी फोकस किया जाएगा। इसके लिए भारतीय वन सर्वेक्षण देहरादून तकनीकी सहयोग करेगा। जिले में घोषित वन क्षेत्र से बाहर लगाए गए पौधों की प्रजाति एवं उम्र का भी सर्वे होगा। इसके लिए वन विभाग के अफसरों को प्रशिक्षण दिया गया है। दीपावली के बाद यह खास सर्वे शुरू होगा।
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छह जिलों के 90 अफसरों को दिया गया प्रशिक्षण
इस सर्वे को लेकर भारतीय वन सर्वेक्षण देहरादून के तकनीकी प्रशिक्षकों द्वारा सामाजिक वानिकी प्रभाग से संबंधित छह जिलों के अफसरों को पांच दिन का विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इस प्रशिक्षण में मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बागपत, हापुड़ और बुलंदशहर के 90 अफसरों ने हिस्सा लिया। यह प्रशिक्षण हस्तिनापुर वानिकी प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित किया गया। ट्रेनिग में बताया गया कि शहर से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में वन क्षेत्र अधिक है। खेतों के अलावा घरों में किसान सबसे अधिक फलदार एवं छायादार पौधे लगाते है। इनका सर्वे जरूरी है।
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जिले में आन रिकार्ड पौधारोपण का विवरण
वर्ष लक्ष्य लगाए गए पौधे
2018 561395 673094
2019 815725 957517
2020 697690 704015
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शहरी और देहात क्षेत्र में वन क्षेत्रों से बाहर लगाए गए पौधों की गिनती होगी। शहर की अपेक्षा गांवों में अधिक ग्रीनरी देखने को मिलती है। पौधों के प्रति ऐसे जागरूक लोगों को सम्मानित करने की भी योजना है,जो हर महीने पौधारोपण करते हैं। पौधों की प्रजाति का पता लगाने और प्राचीन पेड़ों का भी इस दौरान सर्वे किया जाएगा। जिले में विगत तीन साल में लगाए गए 23 लाख पौधों का भी सर्वे होगा। सर्वे के लिए वन विभाग की टीमों का गठन कर दिया गया है। वीडियोग्राफी भी होगी।
- दीक्षा भंडारी, निदेशक प्रभागीय सामाजिक वानिकी