आदेशों की अवमानना पर सुप्रीम कोर्ट से नौ विभागों को नोटिस
जागरण संवाददाता साहिबाबाद राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेशों की अवहेलना करने
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेशों की अवहेलना करने पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश व दिल्ली के नौ विभागों को नोटिस जारी कर 15 दिन के अंदर जवाब मांगा है। एनजीटी ने कौशांबी रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (कारवा) के अध्यक्ष वीके मित्तल की याचिका पर एनजीटी ने जल, वायु व ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम पर कार्रवाई करने का आदेश दिया था। एनजीटी के आदेशों का पालन न होने पर वीके मित्तल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
वीके मित्तल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने मेरठ मंडलायुक्त, डीएम, एसएसपी, जीडीए वीसी, नगर आयुक्त, यूपीएसआरटीसी के चेयरमैन, दिल्ली पुलिस कमिश्नर, पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर, दिल्ली ट्रांसपोर्ट के कमिश्नर को नोटिस जारी किया गया है। कौशांबी में एनजीटी के आदेशों का पालन कराने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने सभी विभागों से 15 दिन के अंदर जवाब मांगा है। एनजीटी ने यह दिए थे आदेश
- कौशांबी डिपो से डीजल बसें हटाकर सीएनजी बसें संचालित की जाएं
- गाजीपुर स्थित कूड़ा घर को हटाया जाए
- नालों में सीवर का पानी न बहे
- वाहनों से प्रेशर हार्न खत्म किए जाए
- भूमिगत व मल्टी लेवल पार्किग बनाई जाए
- सड़कों से अतिक्रमण हटवाया जाए
- औद्योगिक इकाईयों को सीएनजी से चलाया जाए
- एक कमेटी गठित की जाए जो आदेशों के पालन की निगरानी करे