बेहटा हाजीपुर हाल्ट पर नहीं शौचालय-पेयजल की सुविधा
बेहटा हाजीपुर रेलवे हाल्ट से प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग दिल्ली और सहारनपुर की ओर प्रस्थान करते है। या यू कहें कि रेल बेहटा गांव व उसके आस-पास रहने वाले लोगों की एक बड़ी आबादी की लाईफ लाइन बन चुकी है। इसके बावजूद बेहटा हॉल्ट से सफर करने वाले यात्री मूलभूत सुविधाओं से महरुम है। हॉल्ट पर शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था तक उपलब्ध नहीं है। लोगों ने अधिकारियों से मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने की मांग की है।
संवाद सहयोगी, लोनी। बेहटा-हाजीपुर रेलवे हाल्ट से प्रतिदिन हजारों यात्री दिल्ली और सहारनपुर की ओर प्रस्थान करते हैं। इसके बावजूद हॉल्ट पर यात्री मूलभूत सुविधाओं से महरूम हैं। यहां शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था तक उपलब्ध नहीं है। लोगों ने इसकी मांग की है।
बेहटा हाल्ट वर्ष 1980 में शुरू किया गया था। यहां 18 ईएमयू ट्रेनें रुकती हैं। यहां से हजारों लोग प्रतिदिन दिल्ली, शहादरा, खेकड़ा, बागपत, बड़ौत, शामली, सहारनुपर और हरिद्वार (हर की पौढी) के लिए आते-जाते हैं। कई दशक बाद भी हाल्ट पर यात्रियों के लिए सुलभ शौचालय व पीने के लिए पानी की सुविधा नहीं है। हॉल्ट के बेहटा हाजीपुर गांव के समीप स्थापित है जिसके दोनों ओर घनी आबादी बसी हुई है। रेल में सफर करने वाले पुरुष और महिला यात्री खुले में ही लघुशंका के लिए मजबूर हैं। इसके अलावा, हाल्ट की चाहरदीवारी न होने से परिसर में लावारिस पशुओं की आराम स्थली में तब्दील हो चुका है। दोपहर के समय इन्हे टीन शेड के नीचे बैठा देखा जा सकता है। इन आवारा पशुओं के आपस में लड़ने के दौरान हुए कई यात्री चोटिल भी हो चुके हैं।
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यात्री बोले
यात्री हाल्ट पर लगे दो हैंडपंप से पानी पीकर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं। खुले में बहने वाले इस पानी से जगह-जगह गंदगी फैल रही है। इससे यात्री बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। स्टेशन पर शौचालय न होने से काफी परेशानी होती है।
- संजू पांचाल
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बेहटा हाजीपुर हॉल्ट पर जगह-जगह गंदगी और कूड़े के ढेर लगे हुए हैं और चारदीवारी कई स्थानों से टूटी हुई है। इसके चलते पशु प्लेटफार्म पर पहुंच जाते हैं। इनके हमले से यात्री चोटिल हो सकते हैं।
- राजीव शर्मा
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