ग्रुप हाउसिग सोसायटी में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम नहीं होने पर होगी कार्रवाई
बारिश के पानी से भूमि की कोख भरने के लिए ग्रुप हाउसिग सोसायटी में रेन वाटर सिस्टम लगाना ही होगा। शहर की अधिकांश सोसायटी में यह सिस्टम नहीं लगा है। जीडीए का रिकॉर्ड बताता है कि 60 फीसद सोसायटी का नक्शा स्वीकृत कराते वक्त रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाना सुनिश्चित करने के लिए जमा कराई गई धरोहर राशि को बिल्डर वापस लेने नहीं आए। यह राशि तभी वापस मिलती है जब बिल्डर रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम को क्रियाशील करके दिखाता है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : बारिश के पानी से भूमि की 'कोख' भरने के लिए ग्रुप हाउसिग सोसायटी में रेन वाटर सिस्टम लगाना ही होगा। शहर की अधिकांश सोसायटी में यह सिस्टम नहीं लगा है। जीडीए का रिकॉर्ड बताता है कि 60 फीसद सोसायटी का नक्शा स्वीकृत कराते वक्त रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाना सुनिश्चित करने के लिए जमा कराई गई धरोहर राशि को बिल्डर वापस लेने नहीं आए। यह राशि तभी वापस मिलती है, जब बिल्डर रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम को क्रियाशील करके दिखाता है। जीडीए ने जलशक्ति अभियान के तहत ऐसे बिल्डर, आरडब्ल्यूए और अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन पर कार्रवाई करने की रणनीति बना ली है। उनसे रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम बनवाया जाएगा। इसके अलावा उन सोसायटी में निरीक्षण किया जाएगा, जहां यह सिस्टम लगा है। शहर में 400 से ज्यादा ग्रुप हाउसिग सोसायटी हैं। नहीं मानते नियम
उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973 में 300 वर्ग मीटर से अधिक भूखंड पर बने भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाना अनिवार्य है। इसके बावजूद घर, दुकान, कॉम्पलैक्स, हॉस्पिटल, उद्योग और ग्रुप हाउसिग सोसायटी में नियमों का पालन नहीं हो रहा। ज्यादातर भवनों में जमीन से पानी निकाला जा रहा है। लेकिन, उसकी भरपाई करने के लिए इंतजाम नहीं किया जा रहा है। यही वजह है कि भू-गर्भ जल का स्तर लगातार नीचे गिर रहा है।
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पुन: उपयोग करना होगा पानी
ज्यादातर सोसायटी में गंदे पानी को साफ करके दोबारा उपयोग करने के लिए एसटीपी नहीं लगाए गए हैं। जलशक्ति अभियान के तहत सोसायटी में एसटीपी लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। नगर निगम के जलकल विभाग के अधिशासी अभियंता आनंद कुमार त्रिपाठी ने बताया कि सफाई, पार्क, फायर हायड्रेंट और पेड़ों की सिचाई के लिए एसटीपी का पानी उपयोग करना होगा। जमीन से पानी निकाल कर इन कार्यों में उपयोग किया तो कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा डुअल पाइपिग करनी होगी। तालाब और झील को पुनर्जीवित करना होगा। इस अभियान के तहत पौधारोपण भी अनिवार्य किया गया है। जिन ग्रुप हाउसिग सोसायटी में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम नहीं हैं, उन्हें लगाना होगा। ऐसे बिल्डर और आरडब्ल्यूए के खिलाफ कार्रवाई होगी। करीब 60 फीसद ग्रुप हाउसिग सोसायटी के बिल्डर रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम के लिए जमा कराया पैसा वापस लेने नहीं आए। माना जा रहा है कि उन्होंने सिस्टम नहीं लगवाया।
- संतोष कुमार राय, सचिव, जीडीए