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न्यू बस अड्डा से रात 12.14 बजे मिलेगी आखिरी ट्रेन

जासं, गाजियाबाद : इस कॉरिडोर पर मेट्रो के आठ स्टेशन हैं। न्यू बस अड्डा, ¨हडन रिवर, अ

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 10:22 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 10:22 PM (IST)
न्यू बस अड्डा से रात 12.14 बजे मिलेगी आखिरी ट्रेन
न्यू बस अड्डा से रात 12.14 बजे मिलेगी आखिरी ट्रेन

जासं, गाजियाबाद : इस कॉरिडोर पर मेट्रो के आठ स्टेशन हैं। न्यू बस अड्डा, ¨हडन रिवर, अर्थला, मोहननगर, श्याम पार्क, राजेंद्र नगर, राजबाग और शहीद नगर। सभी स्टेशन इंडियन ग्रीन बि¨ल्डग सर्टिफिकेशन (आइजीबीसी) मानक पर बने हुए हैं। इनका डिजाइन इस तरह का है कि भरपूर प्राकृतिक हवा और रोशनी स्टेशन परिसर में रहेगी। स्टेशनों की छत पर सोलर पैनल लगाए गए हैं, जिससे पूरे स्टेशन परिसर को बिजली आपूर्ति करना संभव है। सभी स्टेशन चार तल के हैं। प्लेटफार्म की लंबाई 185 मीटर की रखी गई है। जीटी रोड से प्रत्येक स्टेशन की ऊंचाई 13.5 मीटर है। न्यू बस अड्डा से रोजाना आखिरी ट्रेन रात 12.14 बजे मिला करेगी। अलग हैं स्टेशन

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न्यू बस अड्डा-दिलशाद गार्डन कॉरिडोर पर बने मेट्रो स्टेशन कई मायनों में अलग हैं। छह स्टेशनों के परिसर रोड के दोनों तरफ हैं, लेकिन प्लेटफार्म उसका हिस्सा नहीं है। प्लेटफार्म रोड के ऊपर बनाए गए हैं। शहीद नगर और ¨हडन रिवर दिल्ली मेट्रो के सामान्य स्टेशनों की तरह है। राजेंद्र नगर, ¨हडन रिवर और न्यू बस अड्डा स्टेशन के आसपास पार्क विकसित किए गए हैं। मेट्रो का 'सफर'

न्यू बस अड्डा से दिलशाद गार्डन कॉरिडोर दिल्ली मेट्रो की रेड लाइन का विस्तार है। डीएमआरसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर कॉरपोरेट कम्युनिकेशन अनुज दयाल ने बताया कि रेड लाइन से ही दिल्ली में मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण की शुरुआत 1998 में हुई थी। शाहदरा से तीस हजारी तक 9.6 किलोमीटर का पहला कॉरिडोर दिसंबर 2002 में बनकर तैयार हुआ था। उसके बाद दिल्ली मेट्रो के विकास की रफ्तार बढ़ती चली गई। न्यू बस अड्डा से दिलशाद गार्डन के बीच संचालन शुरू होने पर दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क देश का सबसे बड़ा नेटवर्क हो जाएगा। नोएडा को मिलाकर करीब 390 किलोमीटर के ट्रैक बिछ चुके हैं। उन्होंने बताया कि रेड लाइन की लंबाई भी बढ़ कर 34.72 किलोमीटर हो जाएगी। अभी रिठाला से दिलशाद गार्डन तक रेड लाइन 25.09 किलोमीटर है।

चुनौती भरा रहा कॉरिडोर का निर्माण

डीएमआरसी के अधिकारियों ने निर्माण के दौरान की चुनौतियों को साझा किया। कहा कि जीटी रोड के बीचोंबीच कॉरिडोर होने के कारण निर्माण कार्य मुश्किल रहा। बिना यातायात रोके तकनीक और दक्षता के सहारे पूरे कॉरिडोर का निर्माण संभव किया गया। 401 पिलर बनाए गए। पहले से बने 695 यू-गर्डर्स और 138 आइ-गर्डर्स रखे गए। 1000 लोगों ने दिन-रात की मेहनत से इसे तैयार किया है। उन्होंने बताया कि एक गर्डर का वजन करीब 162 किलोग्राम है। जिससे 350 से 500 टन क्षमता की क्रेन की मदद से ऊंचाई पर रखा गया। रात में इस काम को किया गया। प्रत्येक दिन दो गर्डर रखे गए। निर्माण के दौरान पिछले वर्ष अप्रैल में एक हादसा भी हुआ था, जिसमें गार्डर ऑटो पर गिरने से पांच लोग घायल हो गए थे।

ये जानना जरूरी

- सोमवार से शनिवार भोर में 5.30 बजे से मेट्रो रेल संचालन शुरू होगा

- रविवार को सुबह 8.00 बजे से मेट्रो संचालन शुरू होगा

- मेट्रो स्टेशन परिसर में तम्बाकू और धूमपान करने पर एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान

- प्रत्येक स्टेशन पर बने एफओबी को आम जनता जीटी रोड क्रॉस करने के लिए उपयोग कर सकेगी

- शहीद नगर, ¨हडन रिवर और न्यू बस अड्डा स्टेशन पर होगी पार्किंग की सुविधा

- प्रत्येक स्टेशन दो टोकन काउंटर, एक दिव्यांग के लिए अलग काउंटर

- हर स्टेशन पर दो टोकन वें¨डग मशीनें और एक स्मार्ट कार्ड रिचार्ज मशीन

- शौचालय है, जिसमें शौच के लिए पांच और यूरिनल के लिए दो रुपये देने होंगे

संचालन शुरू होने पर छह फायदे

- जीटी रोड पर ट्रैफिक जाम से मुक्ति

- वायु प्रदूषण में कमी आएगी

- वाहनों का दबाव कम होने से सड़कें ठीक रहेंगी

- सुरक्षा और जल्द सर्विस

- रोजगार के अवसर बढ़ेंगे

सुरक्षा की व्यवस्था

- प्रत्येक स्टेशन पर एक बॉम्ब ब्लैंकेट रहेगा

- चार स्टेशन पर एक क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) रहेगी

- चार स्टेशनों पर एक डॉग स्क्वायड रहेगा

- प्रत्येक स्टेशन पर बुलेट प्रूफ मोर्चे से रखी जाएगी नजर

- हर तरफ पीटीजेड कैमरे लगे हैं दिलशाद गार्डन से नया बस अड्डा मेट्रो प्रोजेक्ट पर एक नजर

प्रोजेक्ट पर मंथन की शुरुआत-2012

प्रोजेक्ट पर काम की शुरुआत-17 जून 2014

मेट्रो लाइन की लंबाई-9.63 किमी.

बनने लगा वक्त-चार साल छह महीने

प्रोजेक्ट में देरी-एक साल एक महीना

केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिली-23 जनवरी 2019


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