पाजिटिव होते ही दिमाग से गायब किए नेगेटिव विचार
मदन पांचाल गाजियाबाद मन के जीते जीत है मन के हारे हार हिम्मत तुझमें है तो मुश्किल होगी प
मदन पांचाल, गाजियाबाद
मन के जीते जीत है मन के हारे हार, हिम्मत तुझमें है तो मुश्किल होगी पार। कबीर के इस दोहे को यदि हर कोई याद रखकर कोरोना जैसी बीमारी से लड़ना चाहे तो जीत पक्की है। इसी को जीवन में उतारकर कोरोना जांच रिपोर्ट पाजिटिव आते ही जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डा.संगीता गोयल ने खुद के दिमाग से नकारात्मक सोच को निकाल दिया। खुद को होमआइसोलेट करने के साथ घर में भी अलग कमरे में एकांत वास शुरू कर दिया। वह बताती हैं कि 17 अप्रैल को संक्रमित होने के बाद उन्होंने कोविड प्रोटोकाल के तहत दवाएं लेनी शुरू कर दी। गरम पानी का सेवन एवं गरारे करने को दिनचर्या में शामिल कर लिया। रोज तीन बार भांप लेकर कोरोना के असर को बेहद हल्का कर दिया। पहले दिन बुखार आया और तीसरे दिन भी। पांचवे दिन बुखार नहीं हुआ। शरीर में कमजोरी जरूर हुई लेकिन हिम्मत नहीं हारी और एक मई को कार्यालय ज्वाइन कर लिया।
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होमआइसोलेशन एप बनाया
कोरोना को हराने के साथ ही बेटी की मदद से एक होम आइसोलेशन एप बनाया है। इसमें होमआइसोलेशन क्या-क्या करना चाहिए उसका पूरा विवरण रहेगा। जल्द इसे गूगल पर सार्वजनिक किया जाएगा। वह बताती है कि सुबह को रोज उनके भाई संजीव की काल आती थी इससे मनोबल बढ़ा रहा। किताबें पढ़ने के साथ ही टेबल नोट एप के जरिए एक गतिविधियों का रिकार्ड बनाया है। नींद पूरी ली। विटामिन युक्त खाना ,सब्जी एवं फलों का सेवन किया। वैक्सीन की दोनों डोज लगने के बाद संक्रमित हुईं लेकिन वायरस का बहुत कम असर रहा। उनकी अपील है कि वैक्सीन की दोनों डोज जरूर लगवानी चाहिए।
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खिड़की के झरोखे से अनन्या को खिलाया
57 वर्षीय डा.संगीता बताती हैं कि इस दौरान छह माह की नातिन अनन्या को खिडकी के झरोखे से खिलाया। इशारों में रोज उससे बातें हुईं। मास्क मुंह से कभी नहीं उतारा। बेटी पल्लवी ने उनके खान-पान का पूरा ख्याल रखा। मन में सकारात्मक सोच रखने से कोरोना को कम दिनों में ही मात दी जा सकती है।