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वायु प्रदूषण बढ़ा, फिर एनसीआर में जिला सर्वाधिक प्रदूषित

वायु प्रदूषण बढ़ा, फिर एनसीआर में जिला सर्वाधिक प्रदूषितवायु प्रदूषण बढ़ा, फिर एनसीआर में जिला सर्वाधिक प्रदूषितवायु प्रदूषण बढ़ा, फिर एनसीआर में जिला सर्वाधिक प्रदूषितवायु प्रदूषण बढ़ा, फिर एनसीआर में जिला सर्वाधिक प्रदूषितवायु प्रदूषण बढ़ा, फिर एनसीआर में जिला सर्वाधिक प्रदूषित

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 09:18 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 09:18 PM (IST)
वायु प्रदूषण बढ़ा, फिर एनसीआर में जिला सर्वाधिक प्रदूषित
वायु प्रदूषण बढ़ा, फिर एनसीआर में जिला सर्वाधिक प्रदूषित

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : जिले के लोगों को केवल एक दिन ही वायु प्रदूषण से राहत मिल सकी। बुधवार को गाजियाबाद जिला फिर एनसीआर का सबसे प्रदूषित शहर और देश का 13वां सबसे प्रदूषित शहर बन गया। मौसम खुलने के साथ ही प्रदूषण मात्रा भी बढ़ गई है। बुधवार को गाजियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स 235 पहुंच गया जबकि है मंगलवार को बारिश के बाद 88 पर पहुंच गया था। वही पीएम-2.5 की मात्रा में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आकड़ों के अनुसार बुधवार को पीएम-2.5 235 और पीएम-10 156 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया जबकि है बारिश के बाद बुधवार को पीएम-2.5 104 और पीएम-10 72 पहुंच गया था। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अशोक तिवारी की मानें तो बारिश के बाद प्रदूषण की मात्रा कम हो गई थी लेकिन बारिश से जगह-जगह मिट्टी ऊपर आने के बाद भूल के कण फिर वायुमंडल तक पहुंच गए हैं। इससे फिर से वायु प्रदूषण की मात्रा में बढ़ोतरी आई है।

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ये करें उपाय

- खुले में कूड़ा और गंदगी न जलाएं

- वाहनों का जहरीला धुआं निकलने से रोकें।

- धूल व कूड़ा जहां पड़ा हो वहां पानी का छिड़काव अवश्य करें।

- प्रमुख मार्गों पर लगी हरियाली व ग्रीन बेल्ट में पानी का छिड़काव हो।

- सड़क किनारे लगने वाली ठेली, रेहड़ी और खानपान की दुकानों से कम से कम धुआं उड़े।

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इनका भी रखें ध्यान

- निर्माण स्थलों तक जाने के लिए पक्की सड़क होनी चाहिए।

- धूल उड़ने से बचाव के बिना मिट्टी की खुदाई नहीं होगी।

- कोई भी निर्माण सामग्री बिना ढके नहीं रखी जाएगी।

- पानी छिड़काव की व्यवस्था हो।

- खुले में भवन सामग्री की घिसाई और कटाई नहीं होगी।

- निर्माणाधीन स्थलों को हरी जाली से ढक कर रखा जाएगा।


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