किशोरी की जिंदगी का दर्दनाक अंत: ब्वॉयफ्रेंड ने पहले दुष्कर्म किया फिर साथियों संग मिलकर मार डाला
किशोरी अपने ब्वॉयफ्रेंड पर शादी करने के लिए दबाव बना रही थी और शादी नहीं करने पर रिपोर्ट दर्ज कराने की धमकी दे रही थी।
गाजियाबाद (जेएनएन)। मोदीनगर थाना क्षेत्र की रहने वाली एक किशोरी की अपहरण के बाद मेरठ के परतापुर में हुई हत्या की गुत्थी को पुलिस ने पांच माह बाद सुलझा लिया है। किशोरी की हत्या प्रेमी व उसके पिता व अन्य साथियों ने मिलकर की थी।
पुलिस की जानकारी के अनुसार, हत्या से पहले प्रेमी ने अपने घर पर ही किशोरी संग दुष्कर्म किया था। पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपित समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
पकड़े गए लोगों में मुख्य आरोपित का पिता भी शामिल है। आरोपितों के पास से पुलिस ने मृतका के कान की बाली, शॉल, घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल, कार व दो तमंचे बरामद हुए हैं। पांच माह बाद इस संगीन मामले का पर्दाफाश करने पर एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार ने क्राइम ब्रांच व मोदीनगर की टीम को 25 हजार रुपये व प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की है।
सोमवार को एसएसपी वैभव कृष्ण व एएसपी मोदीनगर रवि कुमार ने बताया कि पकड़े गए आरोपित निवाड़ी निवासी सुमित, सुमित का पिता रमेश, निवाड़ी निवासी सोनू, मेरठ निवासी राजीव व निवाड़ी निवासी आरिफ हैं। सुमित मुख्य आरोपित है जबकि सोनू, राजीव व आरिफ सुमित के दोस्त हैं। एसएसपी ने बताया कि आरोपित सुमित ने पूछताछ में बताया कि उसका किशोरी से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। किशोरी सुमित पर शादी का दबाव बना रही थी और शादी न करने पर रिपोर्ट दर्ज कराने की धमकी दे रही थी।
इसके चलते उसने साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया। आरोपितों ने पुलिस को बताया कि नौ जनवरी को सुमित ने सभी आरोपितों को अपने घर बुलाया और किशोरी की हत्या की योजना बनाई। इसके बाद 10 जनवरी को सभी आरोपित किशोरी को एक कार में विजयनगर से किशोरी को लेकर निकले और उसे पूरा दिन घुमाया फिराया। आरोपितों ने मुरादनगर में शराब भी पी। इसके बाद अंधेरा होने पर आरोपित किशोरी को परतापुर थाना क्षेत्र में ले गए और उसकी चुन्नी से गला दबाकर हत्या कर दी।
पहचान मिटाने के लिए आरोपितों ने उसके ऊपर से कार का पहिया भी चढ़ा दिया और उसका चेहरा बिगाड़ने का भी प्रयास किया। इसके बाद आरोपितों ने उसका शव ईख के खेत में फेंक दिया और फरार हो गए। आरोपित ने 16 दिन किशोरी को रखा अपने साथ क्राइम ब्रांच प्रभारी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि पूछताछ में आरोपित सुमित ने बताया कि वह 26 दिसंबर को किशोरी को अपने साथ ले गया था। दिन भर वह मोदीनगर में घुमते रहे। रात में वह उसे अपने घर निवाड़ी ले गया और यहां उसके साथ दुष्कर्म किया।
इसके बाद 27 दिसंबर को सुमित ने अपने दोस्त आरिफ को बुलाया और उसकी मोटरसाइकिल पर किशोरी को बैठाकर दोस्त राजीव के यहां विजयनगर ले आया। 27 दिसंबर से लेकर 10 जनवरी तक सुमित ने किशोरी को विजयनगर दोस्त के यहां रखा और उसे लगातार शादी का झांसा देता रहा।
शादी में हुई मुलाकात से परवान चढ़ा था प्यार
थाना प्रभारी मोदीनगर गजेंद्र पाल सिंह ने बताया कि दो साल पहले किशोरी और सुमित की मुलाकात मोदीनगर में एक शादी समारोह में हुई थी। यहां दोनों के बीच दोस्ती हो गई और दोस्ती प्यार में बदल गई। सुमित ने किशोरी के आगे शादी का प्रस्ताव रखा। इसके बाद किशोरी उससे शादी की जिद पर अड़ गई।
सही से होती पूछताछ तो बच जाती किशोरी की जान
26 दिसंबर को किशोरी के लापता होने के बाद 27 दिसंबर को परिजनों ने मोदीनगर थाने में उसके अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने पकड़े गए आरोपितों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई थी, लेकिन उस समय सुमित समेत अन्य आरोपितों ने किशोरी के अपने पास होने की बात कबूल नहीं की। पुलिस ने शुरुआत से ही मामले को हल्के में लिया और मामले में गंभीरता नहीं दिखाई। यदि पुलिस परिजनों की शिकायत के बाद ही मामले को गंभीरता से लेते हुए सख्ती से पूछताछ करती तो किशोरी की जान बचाई जा सकती थी।
काफी चर्चित हुआ था मामला
पीड़ित परिवार किशोरी को बरामद करने की मांग को लेकर लगातार पुलिस अधिकारियों के चक्कर लगा रहा था। इसके चलते किशोरी के परिजन तीन बार मोदीनगर थाने में अनशन पर भी बैठे थे। किशोरी का मेरठ में शव मिलने के बाद लापरवाही उजागर होने पर तत्कालीन सीओ राजकुमार सिंह को हटाया गया था और मोदीनगर थाना प्रभारी नीरज सिंह को निलंबित किया गया था। इस दौरान पुलिस पर आरोपितों को पैसा लेकर छोड़ने के भी आरोप लगे थे।