हरियाली बढ़ाने की पहल: STP के शोधित पानी से हरी-भरी बनेगी शहर की धरा Ghaziabad News
जीडीए सचिव ने बताया कि एनजीटी का आदेश है कि पार्क हरित पट्टियों सेंट्रल वर्ज समेत अन्य स्थानों पर पेड़-पौधों को हरा-भरा रखने के लिए एसटीपी के शोधित पानी का इस्तेमाल किया जाए।
गाजियाबाद [आशीष गुप्ता]। सीवर के पानी को साफ करके शहर की धरा को हरा-भरा बनाने में इस्तेमाल किया जाएगा। जीडीए ने पहले इंदिरापुरम के लिए ही यह योजना बनाई थी। अब राजनगर एक्सटेंशन में जंगल विकसित करने को रोपे गए पौधों में पानी का छिड़काव करने के लिए एसटीपी से वहां तक पाइपलाइन बिछाई जाएगी।
एनजीटी ने पौधों को पानी देने के लिए साफ कर रखा है निर्देश
जीडीए सचिव संतोष कुमार राय ने बताया कि एनजीटी का आदेश है कि पार्क, हरित पट्टियों, सेंट्रल वर्ज समेत अन्य स्थानों पर पेड़-पौधों को हरा-भरा रखने के लिए एसटीपी के शोधित पानी का इस्तेमाल किया जाए। इस काम के लिए भू-गर्भ से निकले फ्रेश वाटर का उपयोग न किया जाए।
भू-जल बचाने की मुहिम के लिए शुरू किया पायलट प्रोजेक्ट
जीडीए ने इस आदेश का पालन करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इंदिरापुरम के एसटीपी से कैलास मानसरोवर भवन के सामने सेंटर वर्ज तक 800 मीटर और स्वर्णजयंती पार्क तक एक किलोमीटर पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है। इसे जल्द चालू कर दिया जाएगा। अब जीडीए ने राजनगर एक्सटेंशन के एसटीपी से दूसरी पाइपलाइन बिछाने का खाका तैयार किया है।
तैयार होगा छोटा से जंगल
यह पाइपलाइन हाल में छोटा जंगल विकसित करने के लिए लगाए पौधों तक बिछाई जाएगी। पास में एक नर्सरी भी बनी है। वहां तक भी पाइपलाइन बिछेगी। इससे एसटीपी में शोधित पानी का सही इस्तेमाल होगा।