गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की सुरक्षा अत्याधुनिक तकनीक से लैस होगी। इसके मुख्य द्वार की सुरक्षा मानव रहित होगी। कंट्रोल रूम से ही गेट पर पूरी नजर रखी जाएगी। सेंट्रल इलेक्ट्रानिक लिमिटेड (सीईएल) द्वारा निर्मित सुरक्षा उपकरण मंदिर के मुख्य द्वार पर लगाए जाएंगे।
सीईएल के प्रबंध निदेशक चेतन प्रकाश बताते हैं कि राम मंदिर परिसर को आतंकवादी गतिविधियों से सुरक्षित रखने, सार्वजनिक सुरक्षा बनाए रखने, हथियारों और विस्फोटकों के जोखिम को रोकने के लिए सबसे उन्नत सुरक्षा उपकरण लगाने की जिम्मेदारी सरकार ने सीईएल कंपनी को ही सौंपी है।
सुरक्षा का खाका खींचने से पहले कंपनी के इंजीनियरों ने मंदिर परिसर का जायजा भी लिया था। गेट के नक्शे को भी दो बार बदला गया। इंजीनियरों ने गेट का नक्शा और उसकी पैमाइश के अनुसार सुरक्षा उपकरण बनाने शुरू किए। मुख्य द्वार पर बूम बैरियर लगा होगा। अंदर प्रवेश होने से पहले सेंसर से गाड़ी स्कैन हो जाएगी। यदि गाड़ी के अंदर कोई विस्फोटक या अन्य कोई हथियार होगा तो बैरियर नहीं खुलेगा। इसके बाद यदि व्यक्ति बैरियर तोड़कर जबरन गाड़ी को गेट के अंदर ले जाने की कोशिश करता है तो आगे जमीन के अंदर से तीन फीट ऊंची नुकीली दीवार बाहर निकल जाएगी। देखने में यह दीवार टायर किलर की तरह होगी। यह वाहन वहीं रोक देगी।
अंतिम चरण का काम पूरा होने से पहले बनेगा मुख्य द्वार
मंदिर निर्माण का अंतिम चरण पूरा होने से पहले सुरक्षा गेट लगा दिया जाएगा। मंदिर का सामान लेकर मालवाहक वाहन परिसर में जाएंगे। वाहनों में एक-एक सामान की मैन्युअल चेकिंग करना मुश्किल है। फुल बाडी व्हीकल स्कैनर से पूरा सामान चेक हो जाएगा। कार, बस, कंटेनर और ट्रक सहित सभी वाहनों की एक्स-रे स्क्री¨नग के लिए उपकरण को डिजाइन किया जा रहा है।
16 दिन तक होगी टेस्टिंग
फरवरी के अंत तक मंदिर के मुख्य द्वार पर सुरक्षा उपकरणों को लगाने की योजना है। इसे लगाने के बाद 16 दिन तक इसकी टे¨स्टग की जाएगी। इसमें सफल होने पर इसे चालू कर दिया जाएगा।