Online Cheating से जुड़ी हर जानकारी के लिए पढ़ें ये स्टोरी, जानें- कैसे 24 घंटे में वापस मिलेंगे पैसे
अगर कोई ठगी का शिकार होता है तो बैंक को सूचित करें। यह पैसा 24 घंटे के अंदर पुलिस साइबर सेल के माध्यम से ट्रेस कर वापस कराया जा सकता है। इसके साथ कुछ शर्तें भी हैं।
गाजियाबाद, जेएनएन। Cyber crime in India: ऑनलाइन ठगी (online cheating) इन दिनों आम बात हो गई है। किसी अंजान कॉल या मैसेज के अलावा ऑनलाइन माध्यम से लिंक भेजकर ठगी की जा रही है। ऐसा करने वालों की एक पूरा नेटवर्क देश भर में काम कर रहा है। वह बैंक अधिकारी या कर्मचारी बनकर लोगों से उनके डेबिट या क्रेडिट कार्ड का सीवीवी नंबर और मोबाइल पर आने वाला ओटीपी पूछकर ठगी करते हैं। वहीं, लोन दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी के मामले भी सामने आ रहे हैं। इनसे कैसे बचा जाए ऐसे ही कुछ सवालों को लेकर अन्य मुद्दों पर भी दैनिक जागरण के शाहनवाज अली ने अग्रणी बैंक प्रबंधक शिव प्रसाद यादव से बात की। प्रस्तुत है प्रमुख अंश :
ऑनलाइन ठगी के मामले दिनोंदिन बढ़ रहे हैं। ऐसे में ठगी का शिकार हुए लोगों का पैसा कैसे वापस मिल सकता है?
-देखिए, बैंक समय-समय पर ग्राहकों को विभिन्न प्रचार माध्यमों से जागरूक करते रहते हैं कि अपने खाता, डेबिट या क्रेडिट कार्ड का नंबर या सीवीवी और मोबाइल पर आया ओटीपी किसी से शेयर न करें। इसके लिए ग्राहकों को मोबाइल पर मैसेज व कॉल के जरिये सूचना भी दी जाती है। इसके बाद भी अगर कोई ठगी का शिकार होता है तो बैंक को सूचित करें। यह पैसा 24 घंटे के अंदर पुलिस साइबर सेल के माध्यम से ट्रेस कर वापस कराया जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि अपना मोबाइल किसी अंजान हाथ में देने से बचें और अपने खाते को सुरक्षित रखें। ध्यान रखे बैंक कभी भी फोन पर ग्राहकों से कोई भी जानकारी नहीं मांगता।
बैंक फाइनेंस के बावजूद लोग संपत्ति खरीदने में धोखाधड़ी के शिकार हो रहे हैं। विधिक जांच में बैंक किस तरह की लापरवाही बरत रहे हैं और इस तरह की धोखाधड़ी से लोगों को कैसे बचाया जा सकता है?
-नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों से लोन लेने वाले लोगों को इस तरह की समस्या ज्यादा है। बिल्डर से मिलकर करके ऐसी कंपनियां लोगों को होम लोन दे देती हैं। कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें इन कंपनियों ने एक ही संपत्ति पर दो होम लोन किए गए हैं। सरकारी बैंकों में इस तरह के मामले कम हैं। सरकारी बैंक प्रॉपर्टी पर लोन देने से पहले सेंट्रल रजिस्ट्री ऑफ सिक्योरिटाइजेशन एसेट रिकंस्ट्रक्शन एंड सिक्योरिटी इंटरेस्ट ऑफ इंडिया (सीईआरएसएआइ.इन) के रिकार्ड से चेक कर लेते हैं। कहीं पहले से तो इस प्रॉपर्टी पर कोई लोन तो नहीं है। लोन जारी करने के बाद सरकारी बैंक प्रॉपर्टी की जानकारी उक्त पोर्टल पर दर्ज कराता है, ताकि दूसरे बैंक यह जान सकें कि यह प्रॉपर्टी लोन पर हैं।
किसी भी बैंक के दिवालिया हो जाने पर ग्राहक को जमा रकम का कितना पैसा मिलता है। क्या अपना पैसा सुरक्षित रखने के लिए ग्राहक दूसरे बैंकों में खाते खुलवा सकता है?
-किसी भी बैंक के बंद होने के पीछे घाटा ही मुख्य वजह होती है। एक लाख रुपये से अधिक की ग्राहक के खाते की जमा पूंजी में उसे एक लाख रुपये ही वापस किए जाएंगे। यह आरबीआइ का नियम है। यह जरूर है कि ग्राहक अपने पैसे को अन्य बैंक में खाता खुलवाकर रख सकता है। इसके लिए अभी किसी तरह की ग्राहक के लिए कोई पाबंदी नही है।
आधार को लेकर बैंकों में भीड़ लगी रहती है, जिसके टोकन लेने के लिए लोग को दिन निकलने से पहले ही लाइन लगा लेते हैं। व्यवस्था सुधार के लिए कुछ योजना बनाई गई है?
-अभी गाजियाबाद में करीब 1000 लोगों के आधार कार्ड अपडेट होने के साथ ही बनाए जा रहे हैं। इसी लोगों की इसी समस्या को देखते हुए बीएसएनएल को भी इस योजना के तहत जोड़ा गया है, जहां बैंकों की तरह आधार कार्ड के अपडेट करने और बनाने का काम किया जाएगा। इसके अलावा गाजियाबाद, मोदीनगर व मुरादनगर तीन जगह आधार इनवायरमेंट सेंटर बनाने की योजना तैयार हो चुकी है, जो अब बस लागू होना बाकी है। इससे लोगों को निश्चित रूप से काफी राहत मिलेगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किन लोगों को लोन लेने पर छूट मिल सकती है और इसकी क्या शर्तें हैं?
-प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत खेती की भूमि और दो कच्चे घर के मालिक को भी लाभ मिल सकता है, लेकिन किसी एक घर बनाने के लिए ही वह सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना का लाभ ले सकता है। वहीं, शर्त की बात है तो 0 से 6 लाख तक सालाना आय वाले व्यक्ति 120 वर्ग मीटर भूमि तथा 6 से 12 लाख सालाना आय वाले व्यक्ति 200 वर्ग मीटर तक भूमि पर योजना के तहत अधिकतम 2.67 लाख रुपये का लाभ ले सकते हैं।
Weather Update: बस एक क्लिक पर जानिए, दिल्ली-NCR के मौसम का सबसे ताजा अपडेट
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ने बताया राजनीति में 'भेड़िये' का मतलब, यहां पढ़िए- पूरा इंटरव्यू
दिल्ली-एनसीआर की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक