आलू की कीमत में अचानक आ रहा उछाल, चार से छह रुपये प्रतिकिलो बढ़ गए दाम, यहां जानिए कारण
लॉकडाउन के दौरान आलू के दाम बढ़े लेकिन प्रशासन की सतर्कता के चलते इन्हें कंट्रोल किया गया। लॉकडाउन में सख्ती के साथ मूल्य निर्धारण भी उसी गंभीरता के साथ लागू हुआ।
गाजियाबाद [शाहनवाज]। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन लागू होने के साथ ही सर्वाधिक आलू की बिक्री हुई। इस दौरान आलू की कीमतों में वृद्धि हुई, लेकिन आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत प्रशासन ने मूल्य निर्धारित कर कालाबाजारी पर रोक लगाई। अब फिर से आलू के दाम आउट ऑफ कंट्रोल होने लगे हैं। पिछले तीन दिन में तीन से पांच रुपये प्रति किग्रा बढ़े दाम के पीछे जमाखोरी को वजह बताई जा रही है।
प्रशासन की सतर्कता के कारण दाम कंट्रोल
लॉकडाउन के दौरान आलू के दाम बढ़े, लेकिन प्रशासन की सतर्कता के चलते इन्हें कंट्रोल किया गया। लॉकडाउन में सख्ती के साथ मूल्य निर्धारण भी उसी गंभीरता के साथ लागू हुआ। अब जैसे ही लॉकडाउन-5 में छूट मिली तो मूल्य निर्धारण भी हवा होने लगा है। बात करते हैं इस दौरान सबसे ज्यादा बिकने वाले आलू की।
पिछले तीन दिनों में चार से छह रुपये प्रतिकिलो बढ़ी कीमत
इसकी कीमत लॉकडाउन के दौरान 15 से 20 रुपये प्रति किग्रा रही। अब पिछले तीन दिनों में यह बढ़कर 24 से 26 रुपये तक पहुंच गई है। मंडी से लेकर गली-मोहल्ले तक ठेली पर बिकने वाला आलू महंगा हो गया है। कई गृहणियां आलू के बढ़े दाम पर ठेली वालों से भी उलझती नजर आईं। यह नजारा लॉकडाउन-1 के शुरूआती दौर में बेतहाशा बढ़े दामों को लेकर भी हुई थी। बाद में मूल्य निर्धारित कर सख्ती के साथ नियंत्रित किया जा सका था।
आलू के दाम प्रति किग्रा
देशी 24 रुपये
पहाड़ी 26
चिपसोना 26
जानिए ग्राहकों ने क्या कहा
पिछले तीन दिन से आलू के दाम पांच से छह रुपये बढ़े हैं। आलू खरीदने के लिए मंडी में आए तो यहां भी राहत दिखाई नहीं दी। लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा आलू खाया गया, लेकिन इतना महंगा तो तब भी नहीं हुआ।
तरुण कुमार, ग्राहक
मंडी में आलू तो काफी आ रहा है, लेकिन प्रति बोरा 150 से 200 रुपये बढ़ गए हैं। इसके पीछे वजह बताने के लिए सब अपनी मर्जी से जवाब दे रहे हैं। दाम बढ़े मिलने पर आगे भी बढ़ाकर देना हमारी मजबूरी है।
मोहम्मद शौकीन, दुकानदार,
आलू की कीमत में कृत्रिम तौर पर कमी दर्शाकर दाम बढ़ाए गए हैं। आलू भरपूर मात्रा में कोल्ड स्टोरेज में जमा कर रखा है, लेकिन इसे अब अपनी मनमर्जी के दामों में बेचा जा रहा है। लॉकडाउन के दौरान आमजन अभी संभला नहीं है। इससे घरेलू बजट पर फर्क पड़ना तय है।
श्रीपाल यादव, अध्यक्ष आलू, प्याज वैलफेयर एसोसिएशन