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Kisan Andolan: तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर राकेश टिकैत ने अब किया भावुक ट्वीट, जानिये- क्या कहा

Kisan Andolan भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ट्वीट किया है- आंदोलन को यह मुकाम 700 किसानों की शहीदी देकर मिला है। किसान न इस बात को भूलेगा और न ही हुकूमत को भूलने देगा।

By Jp YadavEdited By: Published: Sat, 20 Nov 2021 02:59 PM (IST)Updated: Sat, 20 Nov 2021 03:18 PM (IST)
Kisan Andolan: तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर राकेश टिकैत ने अब किया भावुक ट्वीट, जानिये- क्या कहा
Kisan Andolan: तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर राकेश टिकैत ने किया भावुक ट्वीट, जानिये- क्या कहा

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। एक साल के बाद तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह से वापस लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदर्शनकारी किसानों की इच्छा पूरी की। बावजूद इसके विपक्ष की राजनीति जारी है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर इशारों-इशारों में केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार पर हमला बोला है।

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राकेश टिकैत ने ट्वीट किया है- 'आंदोलन को यह मुकाम 700 किसानों की शहीदी देकर मिला है। किसान न इस बात को भूलेगा और न ही हुकूमत को भूलने देगा।'  दरअसल, पिछले एक साल के दौरान विभिन्न वजहों से दिल्ली-एनसीआर के बार्डर सैकड़ों किसान प्रदर्शनकारियों की जान गई है।

राकेश टिकैत के इस ट्वीट के कई मायने निकाले जा रहे हैं। इसका एक मतलब यह है कि भले ही मोदी सरकार ने दरियादिली दिखाते हुए तीनों केंद्रीय कृषि कानून वापस ले लिए हैं, लेकिन राकेश टिकैत और संयुक्त किसान मोर्चा पूर्व में केंद्र सरकार के बातचीत के लिए आगे नहीं आने से नाराज हैं। इसके अलावा, कई नेताओं के बयानों से भी संयुक्त किसान मोर्चा के नेता अब तक नाराज हैं। 

इससे पहले शुक्रवार को राकेश टिकैत ने कृषि कानूनों के वापस होने के बावजूद दिल्ली के बार्डर नहीं खाली करने की बात कही थी।

यहां पर बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार की सुबह गुरुनानक की जयंती जैसे शुभ दिन यूपी, पंजाब और हरियाणा के किसानों की सबसे बड़ी मांग स्वीकार कर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की। वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर (शाहजहांपुर, टीकरी, सिंघु और गाजीपुर) पर धरना प्रदर्शन खत्म करने से इनकार किया है। वहीं राजनीतिक दल भी कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र के फैसले का स्वागत कर प्रदर्शनकारियों को घर लौट जाना चाहिए। लोगों का कहना है कि जिद ने आमजन का बहुत नुकसान किया है। मांगे पूरी हो गई हैं तो अब राजनीति नहीं होनी चाहिए। बावजूद इसके लगता नहीं है कि किसान प्रदर्शनकारी इतनी जल्दी धरना स्थल खाली करेंगे।

वहीं, दिल्ली से सटे साहिबाबाद में पिछले करीब 1 साल से यूपी गेट पर बैठे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कौशांबी के लोगों ने शनिवार सुबह धरना दिया। कौशांबी अपार्टमेंट्स रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वीके मित्तल ने बताया कि यूपी गेट बंद होने के कारण बड़ी संख्या में वाहन कौशांबी के अंदरूनी रास्तों से होकर गुजरते हैं। जिसके चलते यहां के लोगों को प्रदूषण झेलना पड़ता है। साथ ही सड़कों का भी बुरा हाल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा के बाद प्रदर्शनकारियों को तुरंत यहां से हट जाना चाहिए।

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