Ghaziabad: प्रदूषण की रोकथाम के लिए इंतजाम न होने पर कार्रवाई, तीन बिल्डर पर लगा 10-10 करोड़ रुपये का जुर्माना
Ghaziabad Pollution सिद्धार्थ विहार में रोकथाम के लिए उचित इंतजाम न करने पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आवास विकास परिषद गाजियाबाद पर 20 करोड़ रुपये तो तीन बिल्डरों पर पर दस-दस करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। सिद्धार्थ विहार में प्रदूषण की रोकथाम के लिए उचित इंतजाम न करने पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आवास विकास परिषद गाजियाबाद पर 20 करोड़ रुपये, प्रतीक रिएलटर्स प्राइवेट लिमिटेड, एपेक्स हाइटस प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स गौर संस प्राइवेट लिमिटेड पर दस-दस करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
अधिवक्ता चेतन जादौन ने बताया कि गौर सिद्धार्थम सोसायटी में रहने वाले संजीव कुमार की ओर से उन्होंने सिद्धार्थ विहार में प्रदूषण को लेकर एक केस एनजीटी में दायर किया। जिसमें बताया गया कि सिद्धार्थ विहार में सड़कें नहीं बनी हैं। एसटीपी भी नही बना है। पार्क और ग्रीन बेल्ट को विकसित नही किया गया है। इससे वायु प्रदूषण व जल प्रदूषण होता है। जिससे लाेगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इस मामले में एनजीटी ने यूपीपीसीबी और जिला मजिस्ट्रेट की एक कमेटी गठित कर रिपोर्ट मांगी, रिपोर्ट में बताया गया कि सड़क, एसटीपी का निर्माण कार्य सिद्धार्थ विहार में नहीं हुआ है। हरित पट्टी भी अविकसित है, पार्क भी सभी सेक्टर नहीं बने हैं। इस पर बुधवार को एनजीटी में सुनवाई हुई तो आवास विकास परिषद की ओर से बताया गया कि सीवर लाइन बिछाने का कार्य पूरा हो गया है, एसटीपी का निर्माण कार्य कराया जाना प्रस्तावित है, दो सेक्टर में पार्क बने हैं, अन्य में बनाए जाएंगे। सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है।
एनजीटी ने माना कि प्रदूषण रोकने के लिए उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद की ओर से आवश्यक इंतजाम समय पर नहीं किया गया, जिस कारण वायु, जल प्रदूषण को बढ़ावा मिल रहा है। इस कारण आवास विकास परिषद गाजियाबाद पर 20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा प्रतीक रिएलटर्स प्राइवेट लिमिटेड, एपेक्स हाइटस प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स गौर संस प्राइवेट लिमिटेड पर वेस्ट वाटर (डोमेस्टिक, सीवेज) डिस्चार्ज करने पर दस-दस करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। तीनों सोसायटियों में सीवर का पानी शोधित नहीं किया जा रहा है, वहां पर एसटीपी लगे हैं लेकिन वे क्रियाशील नहीं हैं।