लापरवाही : 30 घंटे तक इलेक्ट्रिक शव दाह मशीन में पड़ा रहा उद्योगपति का अधजला शव
श्मशान घाट पर मंगलवार को इलेक्ट्रिक शव दाह मशीन से एक उद्योगपति के शव का अंतिम संस्कार किए जाने के वक्त मशीन खराब हो गई। इसके 30 घंटे तक मशीन खराब ही रही।
साहिबाबाद [अभिषेक सिंह]। हिंडन स्थित श्मशान घाट पर मंगलवार को इलेक्ट्रिक शव दाह मशीन से एक उद्योगपति के शव का अंतिम संस्कार किए जाने के वक्त मशीन खराब हो गई। मशीन को बुधवार तक भी सही नहीं करवाया गया, जिस कारण उद्योगपति का अधजला शव करीब 30 घंटे मशीन में पड़ा रहा। परिवार वालों को उद्योगपति की अस्थियां भी नहीं मिल पा रही थीं।
मामला मीडिया तक पहुंचने की जानकारी होने पर नगर निगम के अधिकारियों ने बुधवार शाम को मशीन ठीक करवाकर शव का अंतिम संस्कार करवाया। स्वजनों का आरोप है कि प्रशासन और नगर निगम के अधिकारी मानवता भूल गए, जिस कारण करीब 30 घंटे मशीन नहीं सही कराई गई और शव का दो दिन से अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा था। स्वजनों का कहना है कि उद्योगपति की मौत कोरोना के संक्रमण की चपेट में आने से हुई है, हालांकि उनके संक्रमित होने की स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पुष्टि नहीं की है।
इंदिरापुरम स्थित एटीएस सोसायटी में अनिल गोयल परिवार के साथ रहते थे। शनिवार को उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद स्वजनों ने उन्हें उपचार के लिए कौशांबी स्थित यशोदा अस्पताल में भर्ती करवाया। सोमवार की शाम को अनिल गोयल की मौत हो गई। इसकी सूचना अस्पताल प्रबंधन ने उनके स्वजनों को दी। अनिल गोयल के बेटे अंकुश गोयल ने बताया कि वह पिता के शव को अंतिम संस्कार के लिए हिंडन स्थित श्मशान घाट पर मंगलवार सुबह 11 बजे ले गए।
वहां पर दोपहर के वक्त इलेक्ट्रिक शव दाह मशीन से अनिल गोयल के शव का अंतिम संस्कार किया जाने लगा। लेकिन, बीच में ही मशीन खराब हो गई। इसके बाद स्वजनों को वहां से घर भेज दिया गया और पांच घंटे बाद वापस आने के लिए कहा गया। पांच घंटे बाद स्वजन दोबारा पहुंचे तो देखा की इलेक्ट्रिक शव दाह मशीन ठीक नहीं करवाई गई है, अनिल गोयल का अधजला शव मशीन में ही पड़ा था। इस पर नाराजगी जाहिर की गई तो उनको बुधवार तक शव का अंतिम संस्कार करवा दिए जाने और अस्थियां देने की बात कही गई लेकिन मशीन ठीक न होेने के कारण बुधवार दोपहर तक अनिल के शव का अंतिम संस्कार नहीं हो सका।
अंकुश गोयल ने मामले की जानकारी मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि नगर निगम और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कोई सुध नहीं ली जा रही है। उन्होंने इस मामले में लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की मांग की। मामले को तूल पकड़ता देख आनन फानन में नगर निगम के अधिकारियों ने मशीन को तुरंत ही ठीक करवा दिया। इसके बाद शाम करीब पांच बजे शव का पूरी तरह से अंतिम संस्कार किया जा सका है। परिवार का कहना है कि लापरवाही के कारण मशीन ठीक कराने में 30 घंटे लगे।
अधिकारी ने कहा
मशीन खराब हो गई थी। आज मशीन ठीक करवा दी गई है। मशीन पर अधजला शव होने के बारे में जानकारी नहीं है। यदि ऐसा हुआ है तो जांच कराकर संबंधित जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।
प्रमोद कुमार, अपर नगर आयुक्त