बीएसएफ में तैनात दारोगा की पत्नी की गोली मारकर हत्या, 3 पर मामला दर्ज Ghaziabad News
बीएसएफ में तैनात एक दारोगा की पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। महिला को तीन गोलियां लगीं।
गाजियाबाद, आयुष गंगवार। लॉकडाउन में बृहस्पतिवार तड़के मॉर्निंग वॉक के लिए निकली बीएसएफ के दारोगा की पत्नी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। घटना थाना कविनगर के गोविंदपुरम क्षेत्र की है। महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पुलिस ने एक आरोपित को कुछ देर बाद गिरफ्तार कर लिया। बेटे की ओर महिला के नंदोई समेत तीन लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया है। बताया जा रहा है कि महिला ने आरोपित के खिलाफ फरवरी में छेड़छाड़ का केस भी दर्ज कराया था।
एसपी सिटी डॉ. मनीष मिश्र ने बताया घटना सुबह साढ़े पांच बजे की है। 50 वर्षीय महिला अपनी पड़ोसन के साथ मॉर्निंग वॉक के लिए निकली थी। इसी दौरान पहले से घात लगाए तीन युवक आए और उन पर फायरिंग कर दी। मौके पर पांच गोली चलने की बात सामने आई है, जिनमें से दो गोली महिला के सीने और एक कनपटी पर लगी है। लोनी निवासी शैलेष नाम के युवक को दोपहर बाद बाद ही क्षेत्र से गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त तमंचा बरामद कर लिया है। शुरुआती जांच व पूछताछ में सामने आया है कि गोविंदपुरम निवासी मुख्य आरोपित विनोद महिला का नंदोई है और पैसों के लेनदेन में हत्या की साजिश रची गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है।
पुलिस की हीलाहवाली से बड़ा दुस्साहस
गोविंदपुरम क्षेत्र निवासी महिला के बेटे ने बताया कि उनका फूफा विनोद अक्सर दो लाख रुपये के लिए उनसे झगड़ा करता था। आरोपित उन पर रुपये उधार बताता था। बीती पांच फरवरी को आरोपित ने घर के बाह मां को पकड़कर फायरिंग कर दी। गनीमत थी कि वह बच गईं। शिकायत देने पर भी पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। दिल्ली पुलिस में एएसआइ उनके मामा ने आकर पुलिस पर दबाव बनाया तो 22 फरवरी को थाना कविनगर पुलिस ने केस दर्ज किया। इस रिपोर्ट में महिला ने छेड़छाड़ और अभद्रता का भी आरोप लगाया था। महिला के भाई का कहना है कि स्थानीय पुलिस ने एफआइआर में जानलेवा हमला करने की धारा 307 नहीं लगाई और छेड़छाड़ का आरोप होने पर भी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं की। पुलिस की हीलाहवाली से आरोपित का दुस्साहस बढ़ गया और बृहस्पतिवार को उसने बहन की हत्या कर दी।
दो साल पहले ही खरीदा मकान
भाई के मुताबिक विनोद ने कुछ साल पहले मकान बनाने के लिए उनकी बहन व जीजा से 10 लाख रुपये दिए थे और इसके एवज में घर का एक फ्लोर उनके नाम करने की बात कही थी। मकान बनने के बाद बहन परिवार के साथ आरोपित के मकान में रहने लगी। मगर फ्लोर का बैनामा नहीं किया तो पैसे लौटाने को कहा गया। उस समय आरोपित ने सिर्फ 70 हजार रुपये उधार होने की बात कही, लेकिन उनकी बहन ने उक्त रकम लेने से इन्कार कर दी और आरोपित का घर छोड़कर गुरुग्राम में रहने लगे। दो साल पहले वे लौटे और गोविंदपुरम में अपना मकान खरीदकर रहने लगे। उनके लौटने के बाद से ही आरोपित उनके पीछे पड़ा हुआ था। दो लाख रुपये के उधार को लेकर महिला के भाई व बेटे का कहना है कि इस रकम के बारे में किसी को भी जानकारी नहीं है। आरोपित ने अपने मन से ही बात बना ली है।