Mount Manaslu: माउंट मनासलू के बर्फीले तूफान में फंसे कई पर्वतारोही, एक दर्जन से अधिक घायल, सागर सुरक्षित
नेपाल की माउंट मनासलू चोटी फतह करने के लिए गाजियाबाद के सागर कसाना रवाना हुए थे। सोमवार को हाड़ गला देने वाली ठंड़ में वह पर्वतारोही दल के साथ रास्ते में ही थे और बर्फीला तूफान में फंस गए। उन्होंने फोन कर घरवालों को बताया कि वह सुरक्षित हैं।
शाहनवाज अली, गाजियाबाद। नेपाल की माउंट मनासलू चोटी फतह करने के लिए गाजियाबाद के सागर कसाना रवाना हुए थे। सोमवार को हाड़ गला देने वाली ठंड़ में वह पर्वतारोही दल के साथ रास्ते में ही थे और बर्फीला तूफान में फंस गए, जिन्हें नेपाल के रेस्क्यू दल ने तीन अन्य पर्वतारोही के साथ सुरक्षित कैंप-2 में पहुंचाया। उन्होंने काठमांडू से किसी नंबर से अपने परिवार को सुरक्षित होने का मैसेज भेजा है।
2 सितंबर को माउंट मनासलु चोटी के लिए हुए थे रवाना
पर्वतारोही सागर कसाना दो सितंबर को माउंट मनासलु चोटी के लिए रवाना हुए थे, जो दुनिया का आठवां सबसे ऊंचा पर्वत है। इसकी ऊंचाई 8163 मीटर है। वह बेस कैंप से, कैंप-एक और दो से आगे बढ़ते हुए सोमवार को तीसरे कैंप के लिए चढ़ाई शुरू की थी। इसी बीच बर्फीला तूफान आया, जिसने कई पर्वतारोही को अपनी चपेट में ले लिया।
सोमवार दोपहर भेजवाया संदेश
बर्फीले तूफान की जानकारी काठमांडू से सेटेलाइट के जरिये उनके दल को दी गई। इसमे एक दर्जन से अधिक के घायल होने और दो पर्वतारोही के लापता होने की सूचना मिल रही है। सागर कसाना ने सेटेलाइट के माध्यम से अपने पिता अजब सिंह कसाना के मोबाइल नंबर पर सोमवार दोपहर करीब 1.35 बजे संदेश भिजवाया। बताया कि वह सागर कसाना है यहां बर्फीला तूफान आया है, जिसमें हमारे कुछ साथी फंसे गए हैं और 15 से 16 पर्वतारोही घायल भी हुए हैं, लेकिन उन्हें रेस्क्यू दल ने सुरक्षित निकालकर कैंप-दो में पहुंचा दिया है। उनके साथ तीन अन्य पर्वतारोही भी शामिल हैं।
मौसम साफ होने के बाद आगे बढ़ने की तैयारी
सागर के पिता बताते हैं कि यह सुनकर उन्हें झटका लगा। परिवार में उनकी मां मीला कसाना और बहन सोनम कसाना भी घर आई हुई थीं। इसकी जानकारी बहन सोनम ने अपने पति मनुराज को दी, जिन्होंने भेजे गए लिंक और संपर्क साधा तो काठमांडू से टीकाराम तमांग से बात हुई, जिन्होंने बताया कि सागर के साथ तीन अन्य सुरक्षित कैंप में हैं। यह सुनकर परिवार की जान में जान आई। अभी सागर से उनकी सीधे तौर पर बात नहीं हो सकी, लेकिन टीकाराम ने बताया कि मौसम साफ होने के बाद पर्वतारोही फिर से अपना मिशन माउंट मनासलू शुरू करेंगे।
उत्तरी पूर्वी मार्ग से सागर कर रहे चढ़ाई
शिविर - उंचाई मीटर में
- बेस कैंप - - 4895 मी.
- बैस कैंप-1 - 5800 मी.
- बैस कैंप-2 - 6400 मी.
- बैस कैंप-3 - 6800 मी.
- बैस कैंप-4 - 7400 मी.
- माउंट मनासलू चोटी - 8163 मी.
मुख्यमंत्री से मिल चुका है यूथ अवार्ड
पर्वतारोही सागर कसाना इसी वर्ष उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से राज्य स्तरीय विवेकानंद यूथ अवार्ड से सम्मानित हो चुके हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के यूथ आइकान और गाजियाबाद नगर निगम के स्वच्छता मिशन के ब्रांड एंबेसडर भी रहे।
ये है उपलब्धियां
- 2016 में हिमाचल प्रदेश के सेतीदार पिक पर तिरंगा फहराया
- 2017 में लेह लद्दाख की दूसरी सबसे ऊंची चोटी माउंट गोलाप कांगड़ी पर तिरंगा फहराया
- 2018 में अरुणाचल प्रदेश के वर्जन पिक पर तिरंगा फहराकर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया।
- 2018 में यूरोप खण्ड की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस (रूस) पर तिरंगा फहराया। वह भारत के पहले पर्वतारोही बने, जिसने दोनों दिशाओं से एक बार मे पर्वत का शिखर फतह किया।
- 2018 में अफ्रीका खण्ड को सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर तिरंगा फहराया।
- 2019 में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया।
- 2021 में हिमाचल प्रदेश की सबसे लंबी पर्वत श्रृंखला पीर पंजाल की 17,346 फीट ऊंची माउंट फ्रेंडशिप चोटी फतह
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