मांस के एक टुकड़े के लिए चाचा ने कर दी मासूम बच्ची की हत्या, गिरफ्तार Ghaziabad News
सात साल की मासूम भतीजी की हत्या के आरोप में एक शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
गाजियाबाद, जेएनएन। खोड़ा की भारतनगर कॉलोनी से 12 अगस्त को लापता हुई जिस बच्ची का शव इंदिरापुरम के अभयखंड में शनिवार सुबह नाले मिला था, उसकी हत्या के आरोप में चाचा की गिरफ्तारी हुई है। मासूम लाइबा (07) का कत्ल बकरीद पर मास के एक टुकड़े (कलेजी) के लिए किया गया था।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, हत्या की वजह जानकर वे भी हैरान रह गए। एसपी सिटी श्लोक कुमार ने बताया कि चाचा सलीम ने कुर्बानी के बाद भैंस की कलेजी बच्ची को अपने घर पर देकर आने को कहा था, लेकिन बच्ची अपनी मां को दे आई। गुस्साए चाचा ने उसे थप्पड़ मारा तो वह सीढ़ियों पर गिरी और सिर में चोट लगने के कारण मौत हो गई।
आरोपित ने शव को बोरे में बंद कर नाले में फेंक दिया था
खोड़ा की भारत नगर कालोनी निवासी मसकूर की पत्नी नसरीन उसकी नशे की लत के कारण पास में ही अपने भाई महताब व शादाब के साथ रहती थी। मसकूर का नौ वर्षीय बेटा मुजम्मिल, सात वर्षीय बेटी लाइबा, पांच वर्षीय बेटी सुमैय्या और दो वर्षीय बेटा फरमान भी अपनी मां संग रहते थे। पास में ही छोटा भाई सलीम रहता था। सलीम, मसकूर और महताब के घर 150-200 मीटर के दायरे में हैं।
सलीम ने पुलिस पूछताछ में बताया कि बकरीद पर सुबह 10 बजे वह अपने गैराज में भैंस की सामूहिक कुर्बानी दे रहा था। यहां लाइबा समेत अन्य बच्चे खड़े थे। उसने भैंस की कलेजी निकालकर एक बर्तन में रखी और अपने घर यानी छत पर पहुंचाने के लिए लाइबा को दे दी। दो घंटे बाद घर से उसे फोन आया कि कलेजी नहीं आई है। सलीम ने नसरीन को फोन कर लाइबा के बारे में पूछा तो नसरीन ने कहा कि वह कलेजी यहां लाई थी और उन्होंने पका ली।
पिता के कमरे में सात घंटे रखा रहा शव
सीओ इंदिरापुरम अंशु जैन ने बताया कि गुस्से में सलीम लाइबा को ढूंढ़ता हुआ मसकूर के घर पहुंचा। सलीम ने उसके साथ खेल रहे बाकी बच्चों को भगा दिया और लाइबा से कलेजी के बारे में पूछा। जवाब न देने पर उसने जोरदार तमाचा भी जड़ दिया, जिस कारण लाइबा का सिर सीढ़ियों से जा लगा। सिर के दाएं हिस्से में चोट लगने के कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
आरोपित ने प्लास्टिक के बोरे में उसका शव रखकर मसकूर के कमरे में रखकर बाहर से ताला लगा दिया। पुलिस के मुताबिक त्योहार पर अधिक नशा करने के कारण मसकूर रात तक अपने कमरे में गया ही नहीं था। सात घंटे बाद सलीम ने बोरे में बंद शव निकाला और ठिकाने लगाने के लिए लेकर चलने लगा। रास्ते में कुछ लोगों ने उससे पूछा तो कुर्बानी के बाद बचे पशु के अपशिष्ट बता दिया।
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100 लोगों से की पूछताछ
खोड़ा थाना प्रभारी संदीप सिंह ने बताया कि 13 अगस्त को बच्ची के मामा महताब ने केस दर्ज कराया। बच्ची की तलाश में मां और मामा ही लगे हुए थे। सलीम और मसकूर उसकी तलाश करते नहीं दिखे। शव मिलने के बाद पुलिस का पहला शक इन्हीं दोनों पर गया। परिजन, रिश्तेदार और पड़ोस के 100 लोगों से पूछताछ की। इसमें बकरीद पर सलीम द्वारा बोरे में रखकर कुछ फेंकने की बात भी पता चली।
एसएचओ का कहना है कि पूछताछ में मिले सुराग के आधार पर सलीम से दुबारा सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने अपना गुनाह कुबूल कर लिया। शव मिलने के 12 घंटे से भी पहले पुलिस ने हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।