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भगवान महावीर ने मानव जाति को सुखमय जीवन जीने की कला सिखाईः अरिहंत ऋषि

भगवान महावीर ने संपूर्ण मानव जाति को सुखमय जीवन जीने की कला सिखाई है। उनका सिखाया हुआ हर एक सिद्धांत आज के आधुनिक युग के लिए काफी सार्थक है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Sun, 05 Apr 2020 10:00 PM (IST)Updated: Sun, 05 Apr 2020 10:00 PM (IST)
भगवान महावीर ने मानव जाति को सुखमय जीवन जीने की कला सिखाईः अरिहंत ऋषि
भगवान महावीर ने मानव जाति को सुखमय जीवन जीने की कला सिखाईः अरिहंत ऋषि

नई दिल्ली, जेएनएन। अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह को पूर्णतया अपने जीवन में उतार कर महावीर ने सम्पूर्ण मानव जाति को सुखमयी जीवन जीने की कला सिखाई थी। उनकी शिक्षा सिर्फ जैन धर्म तक ही सीमित नहीं है बल्कि जन-जन के लिए है और उनका सिखाया हुआ हर एक सिद्धांत आज के आधुनिक युग के लिए काफी सार्थक है। महावीर जयंती के मौके पर महामना आचार्य कुशाग्रनंदीजी की प्रेरणा से ऊर्जा वर्ल्ड फाउंडेशन के गुरु स्वामी अरिहंत ऋषि महाराज (ऊर्जा गुरु) ने बताई।

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उन्होंने कहा कि भगवान महावीर सदियों पहले के ज्ञान को आधुनिक युग तक पहुंचाने की पहल कर चुके हैं। लोगों तक ये ज्ञान अभियान के जरिये पहुंचाया जाएगा जिसकी शुरुआत आज से ही की जा रही है। लॉकडाउन होने के चलते इस अभियान को ऑनलाइन माध्यम से शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत दिल्ली एनसीआर के दस लाख लोगों को इस मुहिम से जोड़ने की प्लानिंग की गई है। इस पर जानकारी देते हुए फाउंडेशन के अरिहंत ऋषि (ऊर्जा गुरु) ने बताया कि दंगों के बाद से ही माहौल में अशांति, अहिंसा और नकारात्मक ऊर्जा ने पैर पसार लिए हैं। चाहे राजनीतिक स्तर पर देखों या फिर आसपास का माहौल देखो हर किसी में बदले की भावना, अहिंसा और आक्रामक व्यवहार पनप रहा है।

जिससे दोबारा दंगे होने की संभावना लाजिमी है लेकिन ऐसा ना हो इसी को ध्यान में रखते हुए महामना आचार्य कुशाग्रनंदी जी की प्रेरणा से ऊर्जा वर्ल्ड फाउंडेशन की ओर से "अहिंसा भारत - एक कदम परिवर्तन की ओर" के नाम से अभियान शुरू किया जा रहा है। इसके माध्यम से दिल्ली एनसीआर के स्कूलों, कॉलेजों, सोसायटियों और सार्वजनिक स्थलों पर मौजूद लोगों को जोड़ा जाएगा और उन्हें अहिंसा के फायदे, इसके महत्व से लेकर इसे अपनाने से बड़े हिंसात्मक दंगों से कैसे बचा जा सकता है इसके बारे में बताया जाएगा।

वहीं साथ ही उन्होंने बताया कि हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के युग में जी रहे हैं। वैज्ञानिक ज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास ने हमारे जीवन को नए आयाम दिए हैं और हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को प्रभावित किया है। हम अपने पारंपरिक धार्मिक मूल्यों को भूल आज अराजकता की स्थिति में जी रहे हैं। हमारा जीवन उत्तेजनाओं, भावनात्मक विकारों और संघर्षों से भरा है और इस प्रकार हमारी आयु चिंता और मानसिक तनावों के कारण प्रभावित होती है। विकास के पैकेज में टेंशन का उपहार है और यह एक अन्तहीन सिलसिला है। जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर ने सदियों पहले ही आधुनिक जीवन जीने के लिए आवश्यक ज्ञान हमें दे दिया था। जिसे लोगों तक पहुंचाना जरूरी हो गया है।

आज के समय में जहाँ हर समय मनुष्य को विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है और जीवन निर्वाह करने के लिए शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक तकलीफों का सामना करना पड़ता है, ऐसे में अगर महावीर भगवान् की शिक्षा को खुद के अंदर धारण कर लिया जाए और उनके सिखाये हुए सिद्धांतों को अपने जीवन का हिस्सा बनाया जाए तो जीवन का अलग ही आनंद होगा। अरिहंत ऋषि महाराज (ऊर्जा गुरु) ने बताया कि ये अभियान दिल्ली, गुडगांव, फरीदाबाद, गाजियाबाद, साहिबाबाद, नोएडा-ग्रेटर नोएडा, इन छह प्रमुख जगहों पर चलाया जाएगा। ये अभियान 6 अप्रैल(सोमवार)महावीर जयंती से शुरू किया जा रहा है।  


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