Lockdown2: खाकी ने फर्ज के साथ दिखाई मानवीय संवेदना, मुश्किल वक्त में दिया साथ Ghaziabad News
खोड़ा निवासी मीना देवी को चोट लगने और उपचार नहीं मिलने की सूचना ट्विटर पर पुलिस को मिली। पुलिस ने परिवार से संपर्क कर एंबुलेंस मुहैया कराया।
साहिबाबाद (गाजियाबाद) अवनीश मिश्र। वैश्विक महामारी कोरोना के बीच खोड़ा थाना पुलिस की मानवीय संवेदनाएं सामने आई हैं। पुलिस की मदद से यहां एक महिला का अंतिम संस्कार हो सका है। महिला के स्वजनों ने पुलिस का आभार व्यक्त किया है।
आठ माह पहले उपचार के लिए आया था दंपती
मूल रूप से ग्राम पेरौहटा थाना रेवती जिला बलिया निवासी संजय ठाकुर की पत्नी गीता देवी कैंसर से पीड़ित थीं। उपचार के लिए वह करीब आठ माह पहले पत्नी व सात साल की बेटी अमृता के साथ यहां आए। रिश्तेदारों की मदद से हयात नगर खोड़ा में किराए का कमरा लेकर रहने लगे। उपचार के लिए पत्नी को दिल्ली ले जाना यहां से काफी आसान था। उन्होंने जीविका चलाने के लिए सिलाई का काम शुरू किया।
अंतिम संस्कार के लिए हुई दिक्कत
संजय ठाकुर की पत्नी की गत रविवार को अचानक मौत हो गई। उस समय वह घर पर भाई पंकज ठाकुर व बेटी अमृता के साथ थे। लॉकडाउन के कारण पत्नी के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए श्मशान घाट तक ले जाने की कोई व्यवस्था नहीं थी। कोरोना के डर से आसपास के लोग भी थोड़ा डरे थे। संजय को लगा कि उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार ही नहीं हो पाएगा।
खाकी के फर्ज संग दिखाई मानवीय संवेदना
इसकी सूचना खोड़ा थाना प्रभारी निरीक्षक संदीप सिंह को मिली, तो उन्होंने खाकी का फर्ज निभाने के साथ ही मानवीय संवेदना भी दिखाई। उन्होंने संजय की पत्नी के शव का अंतिम संस्कार कराने के लिए एक पीसीआर की ड्यूटी लगाई। शव को श्मशान घाट तक ले जाने के लिए वाहन मुहैया कराया। पुलिस टीम गाजीपुर स्थित श्मशान घाट पर गई और संजय की पत्नी का अंतिम संस्कार कराकर लौटी। संजय ने पुलिस का आभार व्यक्त किया।
एबुंलेंस मुहैया कराई
खोड़ा निवासी मीना देवी को चोट लगने और उपचार नहीं मिलने की सूचना ट्विटर पर पुलिस को मिली। पुलिस ने परिवार से संपर्क कर एंबुलेंस मुहैया कराया। मीना देवी के बेटे राजन झा ने बताया कि पुलिस की ओर से एंबुलेंस भेजी गई। उससे मां का दिल्ली में उपचार कराया।
खोड़ा थाना थाना प्रभारी संदीप सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान हर दिन जरूरतमंद मदद के लिए कॉल करते हैं। उनकी हरसंभव मदद की जा रही है। महिला का अंतिम संस्कार कराने के लिए पुलिस की ड्यूटी लगाकर वाहन की व्यवस्था कराई।