मतांतरण गिरोह का सूत्रधार पकड़ में आने के बाद खुलती जा रही साजिश की परत दर परत, जानिए कैसे उकसाते थे
मसूरी स्थित डासना देवी मंदिर में दो संदिग्धों विपुल विजयवर्गीय उर्फ रमजान कासिफ व इन्हें मंदिर में भेजने वाले विजयनगर निवासी सलीमुद्दीन की गिरफ्तारी के बाद हुए मतांतरण कराने वाले गिरोह के पर्दाफाश होने के बाद लगातार अहम जानकारियां निकलकर सामने आ रही है
गाजियाबाद, [आशुतोष गुप्ता]। मसूरी स्थित डासना देवी मंदिर में दो संदिग्धों विपुल विजयवर्गीय उर्फ रमजान, कासिफ व इन्हें मंदिर में भेजने वाले विजयनगर निवासी सलीमुद्दीन की गिरफ्तारी के बाद हुए मतांतरण कराने वाले गिरोह के पर्दाफाश होने के बाद लगातार अहम जानकारियां निकलकर सामने आ रही है। मतांतरण गिरोह का मुख्य सूत्रधार उमर गौतम के पकड़ में आने के बाद साजिश की अब परत-दर-परत खुलने लगी हैं।
सुरक्षा एजेंसियों की जांच में उजागर हुआ है कि उमर गौतम अपनी करोड़ों रुपये की संपत्ति दिखाकर लोगों को मतांतरण के लिए उकसाता था। वह लोगों से कहता था कि मेरे पास जो कुछ भी है वह मतांतरण के बाद ही मिला है। इस तरह का लालच देकर वह लोगों को मतांतरण के लिए ब्रेनवाश करता था। मतांतरित हुए कई लोगों से पूछताछ में भी इसी तरह की बात सामने निकलकर आई हैं कि उमर ने अमीरी का ख्वाब दिखाकर ही उनका ब्रेनवॉश किया था।दरअसल उमर गौतम ने कई दशक पहले मतांतरण कर मुस्लिम महिला से निकाह कर लिया था। इसके बाद से ही वह मतांतरण की मुहिम से जुड़ गया।
कई संगठनों की मदद से वह मतांतरण का गिरोह चला रहा था। उसके विदेश में भी मजबूत संपर्क हो गए और मतांतरण के नाम से विदेशी फं¨डग आनी शुरू हो गई। इस फं¨डग से उमर गौतम ने करोड़ों रुपये की संपत्ति बटोर रखी है। सुरक्षा एजेंसियों को जांच में उमर गौतम के खातों में विदेशों से फं¨डग होने के भी पुख्ता साक्ष्य मिले हैं। उमर गौतम लोगों से कहता था कि मतांतरण से पहले वह काफी गरीब था। आज वह जो कुछ भी है उसके पीछे उसका मतांतरण की कारण है।
कई-कई दिन तक होती थी काउंसलिंग
जांच में सामने आया है कि मतांतरण कराने वाला गिरोह कई-कई दिन तक लोगों की काउंस¨लग करता था और उनका ब्रेनवाश कर मतांतरण के लिए मजबूर करता था। इसके बदले उन्हें नौकरी, शादी, पैसा समेत अन्य प्रकार के लालच दिए जाते थे। हामी भरने के बाद बकायदा मतांतरण कराने वालों को सर्टिफिकेट भी जारी किया जाता था।
नाम की सूची भी रहती थी तैयार
मतांतरण कराने वाला गिरोह महिला व पुरुषों के नाम की सूची भी तैयार रखता था। मतांतरण कराने के बाद लोगों को नाम की सूची दी जाती थी। मतांतरित होने वाले लोगों की पसंद के अनुसार उनका नया नामकरण किया जाता था और सर्टिफिकेट में वही नाम दर्ज किया जाता था।
मतांतरण के बाद दी जाती थी तालीम
जांच में यह भी सामने आया है कि मतांतरण के बाद लोगों को उर्दू की तालीम और इस्लाम की जानकारी दी जाती थी। मतांतरण के बाद उन्हें इस मुहिम में जोड़ा जाता था और अपने समाज व संपर्कों के लोगों का मतांतरण कराए जाने के लिए उकसाया जाता था।