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Air Force Day: अगला दशक चुनौतियों भरा, खुद को विकसित करते हुए बनेंगे सर्वश्रेष्ठ वायुसेना: वायु सेना प्रमुख

गाज़ियाबाद के हिंडन एयरबेस में वायुसेना दिवस समारोह में वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा कि वायुसेना दुश्मनों को भी मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। हाल ही में वायुसेना में शामिल राफेल विमान व चिनूक और अपाचे हेलिकॉप्टरों ने नई ताक़त दी है।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 10:24 AM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 10:24 AM (IST)
Air Force Day: अगला दशक चुनौतियों भरा, खुद को विकसित करते हुए बनेंगे सर्वश्रेष्ठ वायुसेना: वायु सेना प्रमुख
वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया की फाइल फोटो।

गाजियाबाद [सौरभ पांडेय]। वर्तमान समय में देश और वायुसेना के सामने साइबर और ड्रोन थ्रेट जैसी कई चुनौतियां हैं। इन चुनौतियों से लड़ते हुए हमें आगे बढ़ना है और विश्व की सर्वश्रेष्ठ वायुसेना बनना है। शांति हमारी संस्कृति में है और हम इसे बनाये रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। गाज़ियाबाद के हिंडन एयरबेस में वायुसेना दिवस समारोह में ये बातें वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहीं। इससे पहले 88वें वायुसेना दिवस पर हिंडन एयरबेस में आयोजित समारोह के दौरान वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया को परेड ने सलामी दी।

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इस मौके पर लद्दाख एलएसी पर जारी तनाव के बीच वायुसेना प्रमुख ने चीन को संदेश देते हुए कहा कि वायुसेना ने कोविड काल के दोस्त पड़ोसियों को हर संभव मदद दी है। वायुसेना के परिवहन विमानों ने फंसे हुए विदेशियों को उनके घरों तक सुरक्षित तो पहुंचाया ही है। साथ ही दोस्त पड़ोसियों को राहत सामग्री और अन्य मदद भी दी है. लेकिन इसके साथ वायुसेना दुश्मनों को भी मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। हाल ही में वायुसेना में शामिल राफेल विमान व चिनूक और अपाचे हेलिकॉप्टरों ने नई ताक़त दी है। उन्होंने कोविड काल में किये गए वायुसैनिकों के कार्यों के लिए उन्हें बधाई दी।

आरकेएस भदौरिया ने कहा कि आने वाला दशक चुनौतियों से भरा है। साइबर हमले, ड्रोन निगरानी जैसी तमाम चुनौतियां हमारे सामने है। लेकिन हमेशा की तरह वायुसेना हर चुनौती के लिए खुद को तैयार कर रही है। ब्रह्मोस मिसाइल, रोहिणी रडार, तेजस विमान और आकाश मिसाइल सिस्टम भारतीय तकनीक से निर्मित है। इसी तरह आने वाले समय में भी भारतीय तकनीक से विकसित विमान और मिसाइल सिस्टम वायुसेना का हिस्सा बनेंगे। नेटवर्क सपोर्ट विमान अब भारतीय वायुसेना के हिस्सा हैं और इससे वायुसेना की ताकत बढ़ी है। इस साल के अंत तक भारतीय वायुसेना को पूरी तरह पेपरलेस करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति करना तीनों सेनाओं के सामंजस्य के लिए बहुत अच्छा है।

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