Heart Disease Prevention: समय पर जांच और उपचार से बच सकती है जान
Heart Disease Prevention गाजियाबाद के वैशाली मैक्स हास्पिटल के हृदय रोग विभाग एसोसिएट निदेशक डा. अमित मलिक ने बताया कि हृदय के वाल्व की बीमारी अनियंत्रित नब्ज मांसपेशियों की सूजन आदि हृदयाघात के प्रमुख कारण हैं। समय पर जांच और उपचार से इससे बचा जा सकता है...
गाजियाबाद, जेएनएन। Heart Disease Prevention हृदय शरीर में समुचित मात्रा में रक्त संचालन के लिए आवश्यक एक पंप का कार्य करता है। हृदय की इस पंपिंग क्षमता के कमजोर पड़ जाने की स्थिति को हृदयाघात कहा जाता है। इस स्थिति में जहां एक तरफ शरीर के अंगों में समुचित रक्त प्रवाह की कमी हो जाती है वहीं दूसरी ओर फेफड़ों एवं लिवर में अतिरिक्त बैक प्रेशर की स्थिति उत्पन हो जाती है।
प्रतिवर्ष अनुमानित पांच लाख रोगी हृदयाघात से ग्रसित होते हैं। इस स्थिति की गंभीरता को इस बात से समझा जा सकता है कि लगभग 17 फीसद रोगियों की मृत्यु एक वर्ष के भीतर हो जाती है। हृदयाघात के लक्षणों में सांस फूलना, पैरों पर सूजन, जल्दी थकान एवं नब्ज की अनियमितता प्रमुख हैं।
हृदय के वाल्व की बीमारी, अनियंत्रित नब्ज, हृदय की मांसपेशी की सूजन के अलावा पुराने हार्ट अटैक की वजह से हृदय की मांशपेशियों की कमजोरी हृदयाघात के प्रमुख कारण हैं। कोरोना के कारण भी लगभग 15 फीसद मरीजों में muscle inflammation (मांसपेशी की सूजन) की पुष्टि हुई है। पुराने गुर्दे एवं फेफड़े के रोग, अल्कोहोल का अत्याधिक सेवन एवं कैंसर उपचार की कुछ कीमोथेरेपी दवाइयां भी हृदय की मांसपेशियों को कमजोर करके हृदयाघात का कारण बनती हैं।
निदान एवं उपचार : इकोकार्डियोग्राफी एक प्रारंभिक टेस्ट है, जो हृदय की पंपिंग क्षमता के साथ वाल्व की बीमारियों का पता लगाने में सहायक है। इसके अलावा हाल्टर मानीटरिंग,एंजीयोग्राफी एवं कुछ रोगियों में कार्डीयक एमआरआई की आवश्यकता पड़ती है।
नियमित समय पर चिकित्सा जांच : उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कोलेस्ट्राल एवं हृदय गति को नियमित करने में सहायक दवाएं हृदयाघात को नियंत्रित करने में मददगार होती हैं। हृदय के वाल्व की बीमारी के लिए वाल्व की सर्जरी एवं धमनियों की ब्लोकेज के लिए एंजीयोप्लास्टी / बाइपास सर्जरी की आवश्यकता होती है। कुछ मरीजों में एक विशेष प्रकार के पेसमेकर (सी आर टी)से हृदय की पंपिंग क्षमता एवं जीवन की गुणवत्ता को सुधारने में सहायता मिलती है। कृतिम हृदय ( आर्टीफीशियल हार्ट) एवं हार्ट ट्रांसप्लांट हृदयाघात की एडवांस स्थिति के लिए आरक्षित उपचारों में से एक हैं। प्रारंभिक अवस्था में निदान, रिस्क फैक्टर्स का नियंत्रण एवं समय पर प्रभावी उपचार की मदद के हृदयाघात के रोगी एक सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
[गाजियाबाद के वैशाली मैक्स हास्पिटल के हृदय रोग विभाग एसोसिएट निदेशक डा. अमित मलिक]