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सरकार के निर्देश का गाजियाबाद में नहीं हो रहा पालन, सड़क पर रहने को मजबूर बेसहारा पशु

बेसहारा पशु सड़कों पर घूमने को मजबूर हैं। इन्हें आश्रय स्थलों में रखने के लिए आए प्रदेश सरकार के निर्देश के बाद भी गाजियाबाद में अमल नहीं हो पाया है। इसके चलते ही जिले में बेहसहारा पशुओं का सड़कों पर घूमते हुए देखा जा सकता है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Tue, 10 Nov 2020 01:41 PM (IST)Updated: Tue, 10 Nov 2020 01:41 PM (IST)
सरकार के निर्देश का गाजियाबाद में नहीं हो रहा पालन, सड़क पर रहने को मजबूर बेसहारा पशु
बेसहारा पशु सड़कों पर घूमने को मजबूर हैं। (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। गाजियाबाद में तमाम प्रयासों के बावजूद बेसहारा पशु सड़कों पर घूमने को मजबूर हैं। इन्हें आश्रय स्थलों में रखने के लिए आए प्रदेश सरकार के निर्देश के बाद भी गाजियाबाद में इसका पूरी तरह से अमल नहीं हो पाया है। इसके चलते ही जिले में बेहसहारा पशुओं का सड़कों पर घूमते हुए देखा जा सकता है। सड़क पर न केवल ये दुर्घटना का कारण बनते हैं बल्कि सरकारी दावों की पोल भी खोल रहे हैं। 

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प्रदेश में योगी की भाजपा सरकार बनने के बाद स्पष्ट निर्देश दिए थे कि बेहसहारा पशुओं को आश्रय स्थलों में रखा जाए, खासकर गौवंश को इसमें शामिल किया गया था। आश्रय स्थलों में ही इनकी सेवा की जाए। इसके बाद जिले में विभिन्न स्थानों पर आश्रय स्थल बनाए गए थे। बड़ी संख्या में बेसहारा पशुओं को इन आश्रय स्थलों में पहुंचाया गया था। प्रशासन ने दावा किया था कि एक भी बेसहारा पशु आश्रय स्थल से बाहर नहीं रहेगा। इसके लिए प्रशासन ने विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे। इस दिशा में विशेष प्रयास भी किए गए लेकिन यह दावे फाइलों तक सिमट कर रहे गए। अब हाल यह है कि जिले में कहीं भी बेसहारा पशु घूमते हुए नजर आ जाएंगे।

तमाम वीसी व निर्देशों के बाद भी नहीं हुआ पालन

गौवंशों को आश्रय स्थल में पहुंचाने के संबंध में पूर्व में शासन के आलाधिकारियों ने विभिन्न वीडियो कांफ्रेंसिंग कर व तमाम निर्देश दिए थे कि एक भी बेसहारा पशु सड़कों पर दिखाई नहीं देना चाहिए। इसके बावजूद भी आदेशों का पालन नहीं हुआ। इसका ही नतीजा है कि वर्तमान में बड़ी संख्या में गौवंश सड़कों पर रहने को मजबूर हैं।

पशुपालक भी हैं दोषी

गौवंशों के सड़क पर घूमने को लेकर पशुपालक भी दोषी हैं। वह सुबह के समय गौवंश को सड़कों पर छोड़ देते हैं और दूध निकालने के समय गौवंश को वापस अपने स्थान पर ले जाते हैं। प्रशासन अब ऐसे पशुपालकों को चिह्नित कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई करेगा।

बेसहारा पशुओं के लिए पूर्व में आश्रय स्थलों में व्यवस्था कराई गई थी। बेसहारा पशुओं को आश्रय स्थल में पहुंचाने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही आश्रय स्थलों की क्षमता बढ़ाकर इन्हें वहां रखा जाएगा।

अजय शंकर पांडेय, जिलाधिकारी 

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