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Nithari Case: बयान से मुकरने के मामले में आज होगी अंतिम सुनवाई

Ghaziabad News गाजियाबाद में निठारी कांड से जुड़े एक मामले में सोमवार को किन्हीं कारणों से अंतिम सुनवाई नहीं हो सकी। अब अंतिम सुनवाई के लिए आज यानि मंगलवार का दिन नियत किया गया है। इससे पहले आरोपित की डिस्चार्ज अर्जी खारिज कर दी गई थी।

By Abhishek TiwariEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 10:43 AM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 10:43 AM (IST)
Nithari Case: बयान से मुकरने के मामले में आज होगी अंतिम सुनवाई
Nithari Kand: बयान से मुकरने के मामले में आज होगी अंतिम सुनवाई

गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। निठारी कांड के एक मामले में बयान के मुकरने के बाद आरोपित बनाए गए नंदलाल के प्रकरण में सोमवार को किन्हीं कारणों से अंतिम सुनवाई नहीं हो सकी। अब अंतिम सुनवाई के लिए आज यानि मंगलवार का दिन नियत किया गया है।

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अधिवक्ता खालिद खान ने बताया कि वर्ष 2006 में हुए नोएडा के निठारी कांड के एक मामले में नंदलाल गवाह था। बाद में वह बयान से मुकर गया था जिसके बाद तत्कालीन सीबीआइ न्यायाधीश रमा जैन ने मामले का संज्ञान लेकर वर्ष 2007 में उसके खिलाफ परिवाद दर्ज कराया था। गत शुक्रवार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-3 की अदालत में आरोपित की डिस्चार्ज अर्जी खारिज कर दी थी।

उल्लेखनीय है कि सुरेंद्र कोली उत्तराखंड में अल्मोड़ा जनपद का रहने वाला है जो पहले दिल्ली में एक ब्रिगेडियर के आवास पर खाना बनाता था फिर 2003 में मनिंदर सिंह पंढेर के पास नोएडा में सेक्टर 31 की उसकी कोठी में आ गया था। पंढेर का परिवार पंजाब चला गया तो वे दोनों कोठी में रहने लगे। इसी दौरान कोठी की देखभाल की जिम्मेदारी निभाने वाले सुरेंद्र ने कई बच्चियों को अगवाकर उनसे हैवानियत की थी।

सीबीआइ विशेष कोर्ट में 319 दिन चली सुनवाई

निठारी कांड के 12वें मामले की सुनवाई गाजियाबाद की सीबीआइ विशेष कोर्ट में 319 दिन चली। दोनों पक्षों की दलीलों और साक्ष्य को देखकर कोर्ट ने नर पिचाश सुरेंद्र कोली को दोषी करार दिया है। जबकि मोनिंदर सिंह पंधेर सबूत के अभाव में बच गया।

कुल 17 मामले हैं निठारी कांड के, ज्यादातर में आरोपित हैं कोली-मोनिंदर

निठारी कांड को लेकर जेपी शर्मा ने बताया कि निठारी कांड में सीबीआइ ने कुल 17 मामले दर्ज किए थे। सभी मामलों में आरोप पत्र पूर्व में ही पेश किए जा चुके हैं। सबसे पहले 13 फरवरी, 2009 को सुरेंद्र कोली व मोनिंदर सिंह पंधेर को फांसी की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद 12 मई, 2010 को सुरेंद्र कोली को दूसरे मामले में फांसी की सुनाई गई, जिन 11 मामलों में सजा सुनाई गई है उनमें सुरेंद्र कोली को सभी मामलों में, जबकि मोनिंदर सिंह पंधेर को तीन मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई है। विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि मोनिंदर सिंह पंधेर को भले ही इस मामले में बरी कर दिया गया था, लेकिन पूर्व में उसे तीन मामलों में फांसी की सजा हो चुकी है तो फिलहाल उसे जेल में ही रहना होगा।


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