Ghaziabad News: डॉक्टरों की लापरवाही आई सामने, सुबह 10 बजे तक दिव्यांग बोर्ड में नहीं पहुंचे; लोग हुए परेशान
गाजियाबाद में दिव्यांग बोर्ड पर डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई। सुबह 10 बजे तक कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था जिससे दिव्यांगजन परेशान हुए। प्रमाण पत्र बनव ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। किशोरी पर ऊपर वाले ने ही कहर बरपा रखा है और वह चलने फिरने को मोहताज है। बैशाखी ही उसका सहारा है। सोमवार को किशोरी इस उम्मीद के साथ जिला अस्पताल परिसर स्थित दिव्यांग बोर्ड में पहुंची कि दिव्यांगजन प्रमाण पत्र बनने पर उसे सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सकता है, लेकिन आठ बजे से दस बजे तक किशोरी बैशाखी के सहारे खड़े होकर चिकित्सकों का इंतजार करती रही।
एक भी चिकित्सक बोर्ड में नहीं पहुंचा। इतना ही नहीं लिपिक भी सीट पर मौजूद नहीं मिला। दैनिक जागरण पड़ताल में पता चला कि दिव्यांगजन को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बेहतर सेवाएं देने में फेल हो रहे हैं। किशोरी ही नहीं गौशाला फाटक से हाथ में लाठी लेकर पहुंचे हीरालाल भी चिकित्सकों का इंतजार करते करते गर्मी में पसीना पसीना हो गये।

गर्मी के चलते इस परिसर में बैठना भी मुश्किल है। पंखा नहीं लगाये गये हैं। इसी क्रम में नंदग्राम के रहने वाले रामसिंह भी सुबह सात बजे प्रमाण पत्र बनवाने को पहुंच गये लेकिन चिकित्सक दस बजे तक नहीं पहुंचे।

उधर इस संबंध में सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन का कहना है कि बोर्ड में नामित चिकित्सकों को नोटिस जारी करके स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
आरोग्य मेले में इलाज और जांच के लिए पहुंचे 4,306 मरीज
गाजियाबाद के 66 नगरीय व ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर रविवार को 4206 मरीज पहुंचे। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों की संख्या 3,177 रही। शहरी क्षेत्रों में मरीजों की संख्या कम देखी गई। जिससे अधिकांश केंद्रों पर स्वास्थ्यकर्मी खाली बैठे नजर आए।
आरोग्य मेले के नोडल अधिकारी डा. राकेश गुप्ता ने बताया कि मेले में 17 नवजात के जन्म प्रमाण पत्र और 517 लोगों के लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (आभा कार्ड) बनाए गए। 843 मरीजों को सीटी स्कैन और एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड आदि की जांच के लिए जिला एमएमजी, संयुक्त जिला अस्पताल और महिला जिला अस्पताल में रेफर किया गया। ग्रामीण क्षेत्र के लोग अधिक संख्या में आरोग्य मेले का लाभ उठा रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में सार्वजनिक अवकाश के दिन लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराने की योजना सफल हो रही है। मेले में रक्तचाप, मधुमेह, क्षय रोग, डेंगू, मलेरिया और एनीमिया की जांच की गई। आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाने के प्रति जागरूक किया गया।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।