दिल्ली-एनसीआर में सबसे प्रदूषित रहा गाजियाबाद, लोगों को हो रही परेशानी Ghaziabad News
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े के अनुसार रविवार को गाजियाबाद का पीएम-10 330 और पीएम-2.5 182 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर दर्ज किया गया।
साहिबाबाद, जेएनएन। बीते पांच दिनों में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ कर लगभग दोगुना हो गया है। रविवार को गाजियाबाद दिल्ली-एनसीआर का सबसे प्रदूषित शहर रहा। यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स 322 दर्ज किया गया। वहीं पीएम-10 और पीएम-2.5 की मात्रा में भी इजाफा हुआ है। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण
प्राधिकरण (ईपीसीए) चेयरमैन भूरेलाल ने 15 अक्टूबर से ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू करने का निर्देश दिया है। इसके तहत डीजल जनरेटर का इस्तेमाल बंद हो जाएगा।
बढ़ा पीए-10 और पीएम-2.5
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े के अनुसार रविवार को गाजियाबाद का पीएम-10 330 और पीएम-2.5 182 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर दर्ज किया गया। वहीं अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस रहा। हवा की गति रविवार को लगभग छह किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से रही। हवा की गति कम होने के कारण वायुमंडल में धूल के कण भी दिखाई दिए। उधर पर्यावरण से जुड़ी राज शर्मा का कहना है कि जैसे-जैसे सर्दी का मौसम आएगा वायुमंडल में धूल के कण बढ़ते जाएंगे और लोगों को वायु प्रदूषण से जूझना हाेगा।
रविवार को वायु प्रदूषण का हाल
- तत्व स्तर मानक
- पीएम 10 330 100
- पीएम 2.5 185 60
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15 से लागू होगा ग्रेप
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा का कहना है कि साहिबाबाद क्षेत्र एनसीआर के 19 हॉटस्पाट में से एक है। प्रदूषण बोर्ड को साहिबाबाद क्षेत्र में लगातार निगरानी और प्रभावी कार्रवाई के लिए रिपोर्ट बनाकर भेजनी है। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) चेयरमैन भूरेलाल ने एनसीआर के सर्वाधिक प्रदूषित 19 स्थानों के लिए 15 अक्टूबर से ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान(ग्रेप) लागू
करने का आदेश सभी बोर्ड को दिया है। जनपद में साहिबाबाद इलाका ही इन स्थानों में से एक है।
यह करें उपाय
- . खुले में कूड़ा और गंदगी ना जलाएं।
- . वाहनों का जहरीला धुआं निकलने से रोकें।
- . धूल व कूड़ा जहां पड़ा हो वहां पानी का छिड़काव अवश्य करें।
- . प्रमुख मार्गो पर लगी हरियाली व ग्रीन बेल्ट में पानी का छिड़काव हो।
- . सड़क किनारे लगने वाले ठेली, रेहड़ी और खान पान की दुकानों से कम से कम धुंआ उड़े।
- . सड़कों की मशीनों से सफाई हो।
- . डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध लगे।
- . 24 घंटे विद्युत आपूर्ति होनी चाहिए।
- . धुंआ फैलाने वाले भट्टी व ईंट भट्टों पर कार्रवाई।