Ghaziabad IIMT Land Scam: जीडीए टीम करेगी भूखंड की पैमाइश व निर्माण का सर्वे, उच्चाधिकारियों को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
इसके अतिरिक्त 1401 वर्ग गज जमीन भी आइएमटी प्रबंधन ने कब्जाई और यह तथ्य छिपाते हुए वर्ष 1991 में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से नक्शा पास कराकर निर्माण किया था। आरोप नियमों को ताक पर रखकर स्वीकृत नक्शे से अतिरिक्त व विपरीत निर्माण का भी है।
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता।
29 सितंबर को कमेटी में शामिल सदस्य मौके पर पहुंचकर भूखंड की पैमाइश व सर्वे करेंगे और उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट सौंपेंगे।
उन्होंने बताया कि लाला लाजपत राय मेमोरियल कालेज संस्थान को कालेज की स्थापना के लिए वर्ष 1968 में 54,049 वर्ग गज भूमि का आवंटन रियायती दर पर किया गया था। वर्ष 1975 में जमीन का कब्जा आवंटी संस्था को दिया गया। आरोप है कि लाला लाजपत राय मेमोरियल कालेज संस्थान को कालेज के लिए आवंटित की गई जमीन पर इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट टेक्नोलाजी (आइएमटी) नियम विरूद्ध बनाया गया है।
उक्त जमीन के कागज गिरवी रखने पर ही चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी द्वारा साहिबाबाद स्थित लाला लाजपत राय कालेज को स्थायी मान्यता दी गई। मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी की जांच रिपोर्ट में भी इस बात की पुष्टि होती है। स्थायी मान्यता के आधार पर साहिबाबाद स्थित लाला लाजपत राय कालेज को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से प्रति वर्ष मोटी रकम अनुदान के रूप में मिल रही है।
आरोप है कि आइएमटी कालेज का निर्माण फर्जीवाड़ा कर गलत तरीके से तो किया ही गया है। साथ में लाला लाजपत राय मेमोरियल कालेज संस्थान को पूर्व में आवंटित जमीन से ज्यादा 11,503 वर्ग गज जमीन, जो बाद में आवंटित हुई थी, उसे बिना पैसा जमा कराए आइएमटी ने कब्जा कर लिया था। इसके अतिरिक्त 1401 वर्ग गज जमीन भी आइएमटी प्रबंधन ने कब्जाई और यह तथ्य छिपाते हुए वर्ष 1991 में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से नक्शा पास कराकर निर्माण किया था।
आरोप नियमों को ताक पर रखकर स्वीकृत नक्शे से अतिरिक्त व विपरीत निर्माण का भी है। हाई कोर्ट में मामले में याचिका दायर होने पर जीडीए की एक कमेटी पूर्व में मामले की जांच कर चुकी है। उक्त कमेटी ने जो जांच रिपोर्ट दी थी उसमें कहा था कि प्राथमिक जांच में मास्टर प्लान व व्यावसायिक अनुभाग में तैनात तत्कालीन अधिकारी व कर्मचारी दोषी प्रतीत होते हैं।