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Ghaziabad: इंदिरापुरम के हैंडओवर की फिर छिड़ी रार, GDA वीसी ने लिखा पत्र तो विरोध में उतरे निवर्तमान पार्षद

इंदिरापुरम के नगर निगम को हैंडओवर की प्रक्रिया नगर निगम सदन ने अंतिम बोर्ड बैठक में रोक दी थी लेकिन एक बार फिर इसके हैंडओवर की रार छिड़ गई है। नगर निगम वर्ष 2001 से इंदिरापुरम में संपत्ति कर ले रहा है।

By Ayush GangwarEdited By: Shyamji TiwariPublished: Mon, 27 Mar 2023 05:38 PM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2023 05:38 PM (IST)
Ghaziabad: इंदिरापुरम के हैंडओवर की फिर छिड़ी रार, GDA वीसी ने लिखा पत्र तो विरोध में उतरे निवर्तमान पार्षद
इंदिरापुरम के हैंडओवर की फिर छिड़ी रार

गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। इंदिरापुरम के नगर निगम को हैंडओवर की प्रक्रिया नगर निगम सदन ने अंतिम बोर्ड बैठक में रोक दी थी, लेकिन एक बार फिर इसके हैंडओवर की रार छिड़ गई है। 18 मार्च को जीडीए वीसी राकेश कुमार सिंह ने नगर आयुक्त डा. नितिन गौड़ को हैंडओवर करने के लिए पत्र लिखा, जिस पर निवर्तमान पार्षद राजेंद्र त्यागी का कहना है कि यह कोर्ट व सदन की अवमानना और शासनादेश का उल्लंघन होगा। हैंडओवर हुआ तो वह हाई कोर्ट जाएंगे।

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जीडीए वीसी ने अपने पत्र में 1983 के शासनादेश का हवाला देते हुए कहा कि यदि किसी भी संस्था की ओर से विकसित कालोनी में नगर निकाय संपत्ति कर वसूल रहा है तो वह निकाय को हस्तांतरित मानी जाएगी। नगर निगम वर्ष 2001 से इंदिरापुरम में संपत्ति कर ले रहा है। इसलिए हैंडओवर की प्रक्रिया को पूरा किया जाए। 

यह है मामला 

हैंडओवर की प्रक्रिया 2011-12 से चल रही है। जनवरी 2022 में जीडीए और नगर निगम की संयुक्त समिति ने निरीक्षण कर सभी सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए 288.54 करोड़ रुपये का एस्टीमेट बनाया था, जो जीडीए को देने थे। पिछले साल बोर्ड बैठक में भी इंदिरापुरम के हैंडओवर का प्रस्ताव पास हुआ था, जिसमें सेंट्रल वर्ज व पार्क, सफाई और स्ट्रीट लाइट की देखभाल नगर निगम को करनी थी।

हालांकि, इस पर सहमति नहीं बन पाई थी और 23 जनवरी 2023 को अंतिम बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास हुआ था कि निकाय चुनाव के बाद अगले बोर्ड के गठन तक किसी कालोनी का हैंडओवर नहीं होगा। जीडीए वीसी ने भी अपने पत्र में 288.54 करोड़ रुपये का जिक्र नहीं किया। 

विरोध क्यों 

राजेंद्र त्यागी का कहना है कि सदन के साथ नगर निकाय चुनाव से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए 27 दिसंबर 2022 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी कहा था कि चुनाव होने तक जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित नगर निकाय की प्रशासक समिति सिर्फ दैनिक कार्य करेगी। कोई नीतिगत फैसला नहीं लेगी। इसके बाद प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने भी हाई कोर्ट की इस टिप्पणी का हवाला दे 12 दिसंबर 2022 को जारी शासनादेश रद कर समिति को सिर्फ दैनिक कार्य करने का निर्देश दिया था।

राजेंद्र त्यागी का कहना है कि हैंडओवर के लिए सदन ने ही प्रस्ताव पारित किया था। इंदिरापुरम में सवा साल पहले तक 288.54 करोड़ रुपये की जरूरत थी। इस रकम के बिना हैंडओवर करना इंदिरापुरम के लोगों के साथ भी अन्याय होगा, क्योंकि 300 करोड़ रुपये बकाया होने के कारण नगर निगम भी बिना फंड मिले कोई काम नहीं करा पाएगा।

भुगत रहे हैं खामियाजा 

राजेंद्र त्यागी ने कहना है कि यह अधिकारियों की पुरानी चाल है कि जब बोर्ड भंग हो तो कालोनी हैंडओवर कर लो। इसी तरह वर्ष 2000 में प्रताप विहार, 2006 में चिरंजीव विहार और 2016 में अवंतिका गुपचुप तरीके से अविकसित या अर्द्धविकसित रूप में बिना जरूरी फंड के हैंडओवर कर दी गई और यहां रहने वाले लोगों को आज भी पूरी सुविधाएं नहीं मिल पाई हैं। जीडीए वीसी राकेश कुमार सिंह का कहना है कि नियमानुसार हैंडओवर के लिए पत्र लिखा गया है ताकि लंबे समय से चल रही प्रक्रिया पूरी हो सके।


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