Gaurav Chandel: 2 दिनों से पुलिस कर रही थी खाली कार की रखवाली, नहीं आए बदमाश तो किया ये काम
Gaurav Chandel नोएडा में 6 जनवरी को गौरव चंदेल की हत्या घर बदमाशों ने उनकी सेलटोस कार लूट ली थी। मसूरी के आकाश नगर से 14 जनवरी की देर रात बदमाश यह कार छोड़ गए थे।
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। Gaurav Chandel: गौरव चंदेल के हत्यारों ने गाजियाबाद के कविनगर से लूटी गई टाटा टियागो कार भी मसूरी थाना क्षेत्र में ही छोड़ दी। इससे पहले गौरव की कार सेलटोस भी मसूरी के आकाशनगर में खड़ी मिली थी। कार शुक्रवार रात मिली थी, मगर पुलिस ने इसे रविवार सुबह कब्जे में लिया है। पुलिस अधिकारियों को उम्मीद थी कि शायद लुटेरे दोबारा कार लेने आएंगे और पुलिस उन्हें पकड़ लेगी।
हाइटेक पुलिस को छका रहे बदमाश
नोएडा में 6 जनवरी को गौरव चंदेल की हत्या घर बदमाशों ने उनकी सेलटोस कार लूट ली थी। मसूरी के आकाश नगर से 14 जनवरी की देर रात बदमाश यह कार छोड़ गए थे। मगर इस कार को छोड़ने से ठीक पहले बदमाशों ने कविनगर थानाक्षेत्र के महरौली स्टेशन के पास अवंतिका एक्सटेंशन निवासी चिराग की टाटा टियागो कार पीछे से टक्कर मारकर लूट ली थी। बदमाश सेलटोस को छोड़ने के बाद टाटा टियागो में बैठकर फरार हो गए थे। अब आकाश नगर से ही करीब एक किलोमीटर दूर मिसलगढ़ी से चिराग की कार भी बरामद हो गई है हैरान करने वाली बात यह है कि आरोपियों के पीछे नोएडा व गाजियाबाद पुलिस के साथ नोएडा एसटीएफ भी लगी हुई है। बीते 4 दिन से पुलिस की अधिकांश टीमें भी आकाश नगर और मसूरी थाना क्षेत्र के इर्द-गिर्द घूम रही हैं इसके बावजूद बदमाश हाईटेक पुलिस को छकाते हुए दूसरी कार भी छोड़कर फरार हो गए।
36 घंटे तक नहीं उठाई
शुक्रवार की रात पुलिस को चिराग से लूटी टियागो कार के मसूरी थाना क्षेत्र में मिसलगढ़ी में होने की जानकारी मिली थी। पुलिस पहुंची तो एक खाली प्लॉट में गाड़ी खड़ी थी। मगर पुलिस ने गाड़ी को कब्जे में नहीं लिया। गाड़ी के आसपास सादी वर्दी में पुलिस की टीमों को लगा दिया गया। पुलिस अधिकारी उम्मीद कर रहे थे कि बदमाश कार उठाने आएंगे और इस दौरान आरोपितों को पकड़ लिया जाएगा। हालांकि दो दिन में भी कार के पास कोई संदिग्ध नहीं आया। इस दौरान सादी वर्दी में पुलिस की टीमें कार की निगरानी को लगाई गई थीं।
कार की नंबर प्लेट बदली
बदमाशों ने पुलिस से बचने के लिए टियागो कार की नंबर प्लेट बदल दी थी। गाजियाबाद नंबर की गाड़ी पर आरोपितों ने हरियाणा की नंबर प्लेट लगा रखी थी। हालांकि कार के पिछले शीशे पर लगे गाड़ी के ओरिजिनल नंबर वाले पोस्टर से इसकी पहचान हुई।