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    Ghaziabad News: मोबाइल टावरों से सामान चोरी करने वाले पांच गिरफ्तार, सात करोड़ का माल बरामद

    Updated: Sun, 22 Dec 2024 02:02 PM (IST)

    गाजियाबाद में मोबाइल टावरों से सामान चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। गाजियाबाद पुलिस ने सामान चोरी करने वाले गिरोह के पांच बदमाशों को गि ...और पढ़ें

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    क्राइम ब्रांच में आरोपितों से चोरी का सामान बरामद किया। फोटो- जागरण

    जागरण संवाददाता। गाजियाबाद। क्राइम ब्रांच में मोबाइल टावरों से आरआर यूनिट समेत अन्य सामान चोरी करने वाले गिरोह के पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपितों से 74 आरआर यूनिट समेत करीब सात करोड़ रुपयों का माल बरामद किया है। आरोपित चोरी किये गए माल को हांगकांग भेजते थे।

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    पहले जावेद मीरापुरिया के साथ काम करता था शाहरुख

    पुलिस के मुताबिक पकड़े गए आरोपित दिल्ली के कांति नगर निवासी शाहरुख मलिक, अनस खान, मेरठ के लिसाली गेट निवासी वसीम मलिक, हिंडन विहार निवासी साहिल मलिक और कयूम अंसारी हैं। पूछताछ में आरोपित शाहरुख ने बताया कि वह पहले जावेद मीरापुरिया के साथ काम करता था, लेकिन बाद में उसने अपना गिरोह अलग बना लिया।

    फाइल फोटो। 

    शाहरूख का चचेरा भाई फईम हांगकांग से कर रहा डीलिंग

    पकड़े गए आरोपित शाहरुख ने बीए की पढ़ाई दूसरे साल में ही छोड़कर कबाड़ का काम शुरू किया। उसका भाई नईम आरआरयू चुराकर चीन भेजने वाले जावेद मीरापुरिया के साथ काम करता था। नईम के पकड़े जाने के बाद शाहरुख ने अपने चचेरे भाई फईम के साथ मिलकर यह काम शुरू कर दिया।

    फईम हांगकांग में आरआर यूनिट खरीदारों से संपर्क करता है। इसके लिए वह अक्सर वहां जाता भी रहता है। एक बार में 50 से 70 यूनिट शिपमेंट के जरिये भेजे जाते हैं। शाहरुख गिरोह के पास 74 आरआरयू जमा हो गए थे, जिन्हें भेजने की तैयारी की जा रही थी। पुलिस फईम पर इनाम घोषित करने की तैयारी में है।

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    आरआर यूनिट का है ये काम

    रेडियो रिसीवर यूनिट वायरलेस डिवाइस को वायरलेस नेटवर्क से जोड़ती है। आरआर यूनिट चोरी होने पर मोबाइल आपरेटर कंपनी के कंट्रोल रूम में सायरन बजने लगता है। इसके साथ ही उस क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या हो जाती है।

    इस पर कंपनी अपनी तकनीकी टीम भेजकर मौके पर जांच के बाद दूसरी आरआर यूनिट लगवा देती है। चार साल में 100 से ज्यादा एफआईआर आरआर यूनिट की कीमत लगभग आठ लाख रुपये होती है और चोरी की यूनिट को आरोपित दो से ढाई लाख रुपये में बेचते हैं।

    यूनिट सबसे ज्यादा चीन भेजी जाती हैं। चीन से दुनिया के अन्य देशों में आपूर्ति डीलरों के जरिये होती है। एक यूनिट का करीब एक लाख में सौदा करते हैं। जनपद में चार साल में करीब 100 एफआइआर मोबाइल टावरों से सामान चोरी करने के मामले में हुई हैं।