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आपदा में महिलाएं भी करेंगी बचाव कार्य, देश की पहली महिला एनडीआरएफ टीम तैयार

पीके तिवारी ने बताया कि एनडीआरएफ के सिर्फ चिकित्सा विभाग में ही महिलाएं थीं। राहत व बचाव कार्य में महिला जवानों के आने से आपदा में फंसी महिलाओं को निकालने के दौरान उनकी निजता बनी रहेगी। साथ ही पुरुष जवानों को भी हिचकिचाहट नहीं होगी।

By Neel RajputEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 12:34 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 12:34 PM (IST)
आपदा में महिलाएं भी करेंगी बचाव कार्य, देश की पहली महिला एनडीआरएफ टीम तैयार
आपदा में बचाव के लिए देश की पहली महिला एनडीआरएफ टीम तैयार

गाजियाबाद [आयुष गंगवार]। हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही आधी आबादी अब आपदा के दौरान राहत व बचाव कार्य में भी हिस्सा लेंगी। देश की पहली महिला एनडीआरएफ टीम तैयार हो गई है। गाजियाबाद की आठवीं बटालियन में दो माह के प्रशिक्षण के बाद 31 जवानों की यह टीम भूकंप या इमारत के गिरने की आपदा में कार्य करने को तत्पर हैं। बटालियन के कमांडेंट पीके तिवारी ने बताया कि अब आधिकारिक रूप से देश की पहली महिला टीम आपदा के लिए तैयार है। हालांकि अभी चार माह प्रशिक्षण शेष है, जिसके बाद महिला जवान किसी भी आपदा में पुरुष जवानों के कंधे से कंधा मिलाकर जिंदगी बचाती दिखेंगी।

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पीके तिवारी ने बताया कि एनडीआरएफ के सिर्फ चिकित्सा विभाग में ही महिलाएं थीं। राहत व बचाव कार्य में महिला जवानों के आने से आपदा में फंसी महिलाओं को निकालने के दौरान उनकी निजता बनी रहेगी। साथ ही पुरुष जवानों को भी हिचकिचाहट नहीं होगी। एनडीआरएफ की पहली महिला टीम में इंस्पेक्टर, दो दारोगा और 28 सिपाही शामिल हैं। ये सभी जवान आइटीबीपी (इंडियन तिब्बत बार्डर पुलिस) की अलग-अलग बटालियन से हैं, क्योंकि एनडीआरएफ में भर्तियों नहीं होतीं। पहली महिला टीम ने दो माह के दौरान मेडिकल फर्स्ट्स रेस्पांडर और सर्च एंड रेस्क्यू इन कोलैप्स स्ट्रक्चर का कोर्स पूरा कर लिया है। अगला प्रशिक्षण रोप क्लाइंबिंग का होगा और फिर स्विमिंग एंड फ्लड रेस्क्यू और सीबीआरएन (केमिकल बॉयोलॉजिकल, रेडियोएक्टिव एंड न्यूक्लियर) आपदा में कार्य करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

महिला जवान बड़े मौके की तरह देख रही हैं

उपनिरीक्षक शिवानी अग्रवाल ने बताया कि एनडीआरएफ में आने से देश की सेवा तो करूंगी ही। साथ ही यहां मिला प्रशिक्षण आपरेशनल ड्यूटी के साथ व्यक्तिगत जीवन के लिए भी बहुत उपयोगी है। एक सिपाही राखी ने कहा एनडीआरएफ में आकर बहुत ज्यादा खुश हूं। प्रशिक्षण के बाद आपदाओं में दौरान फंसे लोगों को बचाऊंगी। यहां मिला प्रशिक्षण जिंदगी भर काम आएगा।

इसके अलावा सिपाही मीना जांगिड़ ने कहा, आइटीबीपी से एनडीआरएफ में आने का मौका मिला तो तुरंत ज्वाइन कर लिया। आपदा में जिंदगी बचाने के लिए महत्वपूर्ण प्रशिक्षण मिला है।

आठवीं बटालियन एनडीआरएफ की कमांडेंट पीके तिवारी का कहना है कि महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। अभी पहली टीम तैयार हुई है। प्रशिक्षण में महिला जवानों ने खासा उत्साह दिखाया है। आगे और भी टीम तैयार होंगी।

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