एक साल बाद खत्म होगा पत्नी सुनीता का इंतजार, थोड़ी देर में घर के लिए रवाना होंगे राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कमस खाई थी कि जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं ले लिए जाएंगे तब तक अपने घर नहीं जाऊंगा। उनकी कसम पूरी हो गई है और वह यूपी गेट से अपने गृह जिले मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हो गए हैं।
नई दिल्ली/गाजियाबाद [अवनीश मिश्र]। मुजफ्फरनगर में पत्नी सुनीता का इंतजार बुधवार को उस समय खत्म हो जाएगा जब राकेश टिकैत अपने घर पर आएंगे। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कमस खाई थी कि जब तक तीनों केंद्रीय कृषि कानून वापस नहीं ले लिए जाएंगे, तब तक अपने घर नहीं जाऊंगा। उनकी कसम पूरी हो गई है और वह अपने साथी किसान प्रदर्शनकारियों के साथ मुजफ्फरनगर स्थित अपने गांव लौट रहे हैं।
गौरतलब है कि किसान आंदोलन को लेकर खाई गई राकेश टिकैत की कमस बुधवार को पूरी हो रही है। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन की शुरुआत तो पिछले साल 26 नवंबर को हुई थी, लेकिन 26 जनवरी को दिल्ली में किसान ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद यह पूरी तरह से बदल गया था। 28 जनवरी 2021 जो जब यूपी पुलिस ने गाजीपुर बार्डर से राकेश टिकैत की गिरफ्तारी का प्लान बनाया तो राकेश टिकैत की आंखों से आंसू बहने लगे। यही पर राकेश टिकैत ने ऐलान कर दिया था कि सरकार चाहे कुछ भी कर ले, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, घर वापसी नहीं होगी। यह राकेश टिकैत की प्रतिज्ञा है। यदि सरकार ने लाठी तंत्र के बल पर गिरफ्तार किया तो आत्महत्या भी मंजूर है।
हुआ यूं कि किसान नेता के रूप में 28 जनवरी को राकेश टिकैत की गाजीपुर बार्डर पर रोते हुए वीडियो वायरल हुई तो आंदोलन को नई धार मिली। इसके बाद भाकियू की राजधानी मुजफ्फनगर के सिसौली में रात में ही नरेश टिकैत ने पंचायत बुला ली। इसके बाद यूपी गेट पर किसान प्रदर्शनकारी बढ़ गए। अब एक साल बाद किसानों के दबाव के चलते नरेंद्र मोदी सरकार को तीनों केंद्रीय कृषि कानून वापस लेने पड़े।
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