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नहीं बन पाई सिपाही तो फर्जी दरोगा बनकर पुलिस लाइंस में रहने लगी युवती, ऐसे खुली पोल

fake woman SI arrested गाजियाबाद पुलिस ने एक फर्जी महिला दरोगा को गिरफ्तार किया है। एक चूक से उसकी पोल खुल गई।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 05:22 PM (IST)Updated: Sun, 22 Sep 2019 03:17 PM (IST)
नहीं बन पाई सिपाही तो फर्जी दरोगा बनकर पुलिस लाइंस में रहने लगी युवती, ऐसे खुली पोल
नहीं बन पाई सिपाही तो फर्जी दरोगा बनकर पुलिस लाइंस में रहने लगी युवती, ऐसे खुली पोल

गाजियाबाद, जेएनएन। खुद को यूपी पुलिस में दरोगा बता एक युवती तीन दिन से गाजियाबाद पुलिस लाइंस में रह रही थी। हैरान करने वाली बात यह है कि बिना आमद कराए उसने महिला सिपाही बैरक में रहना शुरू कर दिया और पुलिस अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी। युवती के साथ एक अधेड़ भी आया था, जिसे वह अपना पिता बता रही थी। बैरक में उसकी गतिविधियां देखकर प्रतिसार निरीक्षक (आरआइ) को मामले की जानकारी दी और फिर पूछताछ में सारी सच्चाई सामने आ गई।

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कविनगर थाना पुलिस ने शुक्रवार को आरोपित व अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया और उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। 

रामपुर की रहने वाली है महिला

एसपी सिटी श्लोक कुमार ने बताया कि आरोपित युवती की पहचान 21 वर्षीय प्रभजोत कौर के रूप में हुई है, जो रामपुर के बिलासपुर की रहने वाली है। बुधवार शाम युवती पुलिस लाइंस में रघुवेंद्र नाम के व्यक्ति के साथ आई थी, जिसे वह अपना पिता बता रही थी। प्रभजोत ने खुद को दरोगा बताते हुए कहा कि वह मुरादाबाद से यहां ट्रांसफर हुई है और विजयनगर थाने में तैनाती मिली है।

दरोगा बता कर रह रही थी सिपाही के बैरक में

प्रभजोत कौर ने खुद को दरोगा बताते हुए कहा कि वह मुरादाबाद पीटीएस (पुलिस ट्रेनिंग स्कूल) से यहां आई है और विजयनगर थाने में तैनाती मिली है। पुलिसकर्मियों को इस पर अचंभा हुआ कि दरोगा सिपाही की बैरक में है और तैनाती मिलने पर भी पूरा दिन लाइंस में ही रहती है। जानकारी मिली तो आरआइ एमपी सिंह ने चेक किया, लेकिन इस नाम से किसी दरोगा की आमद नहीं हुई थी।

बृहस्पतिवार को आरआइ बैरक में गए तो वह नदारद थी। शुक्रवार को वह फिर गए और पूछताछ की। उसके पास न तो आइकार्ड मिला और न ही वर्दी पर पीएनओ था। कविनगर थाना पुलिस पहुंची तो प्रभजोत ने खुद को 2015 बैच का दरोगा बताते हुए कहा कि उसे कॉल आई थी। दस्तावेज बाद में आएंगे। उसने बताया कि विजयनगर थाने में तैनाती मिली है और मुझे कप्तान साहब से मिलना है।

सिपाही बनना चाहती थी आरोपित

पुलिस पूछताछ में आरोपित ने कहा कि उसे कॉल लेटर आया है और विजयनगर थाने में तैनाती मिली है। दस्तावेजों के नाम पर 2016 में यूपी पुलिस की सिपाही भर्ती के लिए किए आवेदन का प्रिंटआउट ही दिखा पाई। आइटीआइ का भी सर्टिफिकेट दिखाया और कहा कि एनसीसी में लंबे समय तक रही है।

एसपी सिटी श्लोक कुमार का कहना है कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि महिला सिपाही बनना चाहती थी, लेकिन किसी कारणवश उसका चयन नहीं हुआ तो उसने यह तरीका अपनाया। धोखाधड़ी की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर प्रभजोत को जेल भेज दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है कि उसने खुद को दरोगा बता लोगों से ठगी आदि तो नहीं की है, मुरादाबाद में भी रुकी थी या नहीं।

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