तीन माह से होटल में रुका फर्जी इनकम टैक्स इंस्पेक्टर गिरफ्तार
एसएचओ सिहानी गेट कृष्ण गोपाल शर्मा ने बताया कि झारखंड की बोकारो सिटी के मूलनिवासी मोहम्मद रफीक को गिरफ्तार किया गया है। रफीक बीटेक पास है और फिलहाल बेरोजगार है। यह लोगों से ठगी कर रहा था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
गाजियाबाद, आयुष गंगवार। थाना सिहानी गेट पुलिस ने खुद को आयकर इंस्पेक्टर बताकर लोगों पर रौब झाड़ने के आरोपित को गिरफ्तार किया है। उसके पास से आयकर विभाग का फर्जी नियुक्ति-पत्र और आइकार्ड मिला है। आरोपित क्षेत्र के एक होटल में तीन माह से रुका हुआ था।
बीटेक पास है आरोपित
एसएचओ सिहानी गेट कृष्ण गोपाल शर्मा ने बताया कि झारखंड की बोकारो सिटी के मूलनिवासी मोहम्मद रफीक को गिरफ्तार किया गया है। रफीक बीटेक पास है और फिलहाल बेरोजगार है। पुराना बस अड्डा के पास स्थित होटल के प्रबंधक ने सूचना दी थी कि बीती 27 अप्रैल से होटल में एक युवक ठहरा हुआ है, जो खुद को आयकर इंस्पेक्टर बता रहा है। रफीक पर होटल बिल के करीब 15 हजार रुपये भी बकाया हैं। रुपये न मिलने पर ही होटल के प्रबंधक ने पुलिस को सूचना दी।
कई महिलाओं से हैं संबंध
पुलिस के मुताबिक रफीक गाजियाबाद में गोविंदपुरम के ई ब्लॉक में रहता है। यह मकान एक महिला का है, जिससे कुछ समय पूर्व रफीक ने शादी की थी। महिला के पहले पति की मौत के बाद रफीक उसके संपर्क में आया था। पुलिस की जांच में पता चला है कि रफीक के कई अन्य महिलाओं से भी संबंध हैं। इन महिलाओं को रफीक आयकर विभाग का इंस्पेक्टर बनकर ही अपने चंगुल में फंसाता था।
वजह नहीं जान पाई पुलिस
रफीक बेरोजगार है। बावजूद इसके वह करीब तीन माह से होटल में रुका हुआ था। आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन उससे यह नहीं उगलवा पाई कि वह खुद को फर्जी आयकर इंस्पेक्टर क्यों बताता था। उसके पास पैसे कहां से आते थे। गोविंदपुरम में घर होने के बावजूद रफीक घर से महज पांच किलोमीटर दूर होटल में तीन माह से क्यों ठहरा हुआ था। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि होटल का रजिस्टर कब्जे में ले लिया है। इससे उन लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है, जो तीन माह के दौरान होटल में रफीक से मिलने आए थे।
संगठित गिरोह बनाकर ठगी की आशंका
पुलिस विभाग के सूत्रों की माने तो रफीक अकेला नहीं है बल्कि उसके साथ एक संगठित गिरोह भी हो सकता है। आयकर विभाग के नाम पर व्यापारियों को फंसाकर वसूली करता था या नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को ठगता था, इसका जवाब पुलिस अधिकारियों के पास नहीं है।