UP Exit Poll 2022: 10 मार्च को आने वाले परिणाम से पहले प्रत्याशियों की बेचैनी बढ़ाएगा एग्जिट पोल
UP Exit Poll 2022 दिल्ली से सटी यूपी की 11 सीटों पर अभी से जीत हार के कयास लगने लगे हैं। यही वजह है कि लोग सोमवार शाम को एग्जिट पोल के नतीजों का इंतजार अभी से कर रहे हैं।
नोएडा/गाजियाबाद, जागरण डिजिटल डेस्क। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के तहत अंतिम चरण यानी 7वें चरण का मतदान जारी है हालांकि, सभी 403 सीटों पर परिणाम 10 मार्च को घोषित होगा। वहीं, इससे पहले अंतिम चरण का मतदान खत्म होने के साथ ही सोमवार शाम 6 बजे के बाद विभिन्न टेलीविजन चैनलों पर एग्जिट पोल आना शुरू हो जाएगा। एग्जिट पोल के मद्देनजर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद और हापुड़ की 11 सीटों पर भी प्रत्याशियों के साथ उनके समर्थकों की धड़कनें भी बढ़ गई हैं। जानकारों की मानें तो इस चुनाव में कहीं आमने-सामने तो कहीं त्रिकोणीय और कुछ सीटों पर चतुष्कोणीय मुकाबला दिखाई दे रहा है। कठिन संघर्ष में राजनीतिक पंडित भी इस बार अनुमान लगाने से चूक गए हैं कि कौन सा दल इस चुनाव में बाजी रहेगी।
सीसीटीवी व पुलिस सुरक्षा में है ईवीएम
गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद और हापुड़ की 11 सीटों पर 10 मार्च की सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हो जाएगी। वहीं, मतदान के बाद यानी 10 फरवरी से कड़ी सुरक्षा में ईवीएम रखी गई हैं। सुरक्षा के लिए पुलिस के साथ ही आर्मी के जवान भी तैनात हैं। पल-पल निगरानी के लिए विभिन्न स्थानों पर लगभग पचास सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
सबकी अपनी गणित बता रहे कैसे रहे जीत
मतगणना 10 फरवरी को है, लेकिन घर, चौराहों, दुकानों के साथ बाजार में भी लोग अभी से अपने मुताबिक चुनावी गणित बैठा रहे हैं। ऐसे में मतदाताओं के रुख का आंकलन अपने आस-पास के वोटरों के मुताबिक करने में लोग जुटे हैं। वहीं पार्टी समर्थक 10 मार्च से पहले ही अपने नेताओं की रणनीति के बारे में भी खुलासा कर रहे हैं। कैसे विरोधी को पीछे किया।
मतदान संपन्न होने बाद सियासी दलों के चुनावी दफ्तरों पर पसरा था सन्नाटा
विधानसभा चुनाव में मतदान के बादव यानी 10 फरवरी के बाद से ही राजनैतिक पार्टियों के कार्यालयों पर सन्नाटा पसर गया है। करीब एक महीने से गुलजार रहे ये कार्यालय सन्नाटा पसरने लगा है। समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के कार्यालयों पर ताले लटकने शुरू हो गए हैं, तो कहीं सिर्फ केयर टेकर ही मौजूद हैं। यहां पदाधिकारी तो दूर एक कार्यकर्ता भी नजर नहीं आ रहा था।