गाजियाबाद में दुकान खोलने के समय में बदलाव, कर्फ्यू का समय भी बदला
नए आदेश के तहत अब दुकानें रोस्टर के हिसाब से सुबह नौ बजे से रात आठ बजे तक खुलेंगी। इसके साथ ही शराब की दुकानें भी रात आठ बजे तक ही खुलेंगी।
गाजियाबाद, आशुतोष गुप्ता। जिले में बढ़ते हुए कोरोना वायरस के चलते प्रशासन ने शासन के निर्देश के बाद कर्फ्यू के समय में परिवर्तन कर दिया है। अब रात आठ बजे से लेकर सुबह छह बजे तक कर्फ्यू जारी रहेगा। विशेष परिस्थितियां व आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को छोड़कर आम लोगों के इस अवधि में आवागमन पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। वहीं दुकान खोलने के समय में भी परिवर्तन कर दिया गया है।
अब जिले में दुकानें रोस्टर के अनुसार सुबह नौ बजे से रात आठ बजे तक ही खुल सकेंगी। इसी प्रकार शराब की दुकानों के समय में भी परिवर्तन किया गया है, शराब की दुकानें भी रात आठ बजे तक ही खुल सकेंगी।
शनिवार से लागू होगा फैसला
जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने बताया कि शासन से मिले निर्देशों के बाद जिले में यह आदेश जारी किया गया है। यह आदेश शनिवार सुबह से जिले में लागू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि पूर्व में कर्फ्यू का समय रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक था। इसे बढ़ाकर रात आठ बजे से सुबह छह बजे तक किया गया है। इसी प्रकार अब तक जिले में दुकान खुलने का समय सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक निर्धारित किया गया था।
नए आदेश के तहत अब दुकानें रोस्टर के हिसाब से सुबह नौ बजे से रात आठ बजे तक खुलेंगी। इसके साथ ही शराब की दुकानें भी रात आठ बजे तक ही खुलेंगी। उन्होंने बताया कि कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों से प्रशाासन सख्ती से पेश आएगा और संबंधित के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी।
फीस के लिए दबाव बनाने वाले विद्यालयों को नोटिस
उधऱ, फीस के लिए दबाव बनाने वाले तीन निजी विद्यालयों को जिला विद्यालय निरीक्षक ने नोटिस जारी करते हुए तीन दिन के अंदर जबाव मांगा है। दो विद्यालयों की ओर से अभिभावकों का बैंक स्टेटमेंट मांगा जा रहा था तो एक विद्यालय ने फीस जमा न होने पर छात्रों को ऑनलाइन कक्षा से ब्लॉक कर दिया था। जिला विद्यालय निरीक्षक रवि दत्त शर्मा ने बताया कि तीन निजी विद्यालयों की शिकायत मिली थी। दो स्कूलों की ओर से कोरोना महामारी के कारण फीस जमा ना कर पाने वाले अभिभावकों की एक साल की इनकम टैक्स रिटर्न, नौकरी छूटने का प्रमाणपत्र और माता पिता की एक साल की बैंक स्टेटमेंट मांगने की शिकायत मिली थी। वहीं एक अन्य स्कूल की फीस जमा न करने पर बच्चों को ऑनलाइन क्लास से ब्लॉक करने की शिकायत अभिभावकों से मिली थी।