धोखाधड़ी के मामले में कोर्ट ने एक की जमानत को दी मंजूर, दूसरे की हुई खारिज
Ghaziabad News फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फ्लैटों पर अलग-अलग बैंकों से करोड़ों रुपये लोन लेने के मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत ने एक महिला आरोपित की जमानत मंजूर की जबकि दूसरे आरोपित की जमानत अर्जी खारिज की।
गाजियाबाद [जागरण संवाददाता]। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फ्लैटों पर अलग-अलग बैंकों से करोड़ों रुपये लोन लेने के मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत ने एक महिला आरोपित की जमानत मंजूर की, जबकि दूसरे आरोपित की जमानत अर्जी खारिज की। मामले के मुख्य आरोपित सचिन दत्ता उर्फ बिल्डर बाबा की जमानत अर्जी पूर्व में ही खारिज की जा चुकी है।
सीबीआइ अधिवक्ता ने बताया कि मामला एक फ्लैट के कई खरीदार दिखाकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विभिन्न बैंकों से लोन लेकर धोखाधड़ी करने का है। इस मामले में सचिन दत्ता उर्फ बिल्डर बाबा के खिलाफ वर्ष 2017 में मुकदमा दर्ज हुआ था।
इसके कुछ समय बाद मामला सीबीआइ को ट्रांसफर हुआ। आरोप है कि उसकी फर्म बालाजी हाईटेक कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने गाजियाबाद स्थित क्रासिंग रिपब्लिक सोसायटी में बालाजी फोस्टर हाइट के नाम से ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाया और फर्जीवाड़ा कर एक-एक फ्लैट पर कई बार लोन लिया।
सीबीआइ ने सचिन दत्ता उर्फ बिल्डर बाबा, अंकुर भसीन व पूजा समेत कई आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था। शुक्रवार को अंकुर भसीन व पूजा की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। दोनों पक्षों दो सुनने के बाद विशेष अदालत ने अंकुर भसीन की जमानत अर्जी खारिज और पूजा एबरोल की जमानत मंजूर करने का निर्णय लिया।
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