कोरोना पॉजिटिव प्रसूता के साथ अमानवीय व्यवहार, जिला अस्पताल ने दो घंटे किया परेशान
डिलीवरी के बाद जांच पॉजिटिव आने पर एंबुलेंस तीनों को लेकर संयुक्त अस्पताल पहुंची लेकिन उन्हे भर्ती करने के नाम पर परेशान किया गया।
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। जिला संयुक्त अस्पताल प्रबंधन की अमानवीयता और मनमानी के चलते कोरोना संक्रमित एक प्रसूता और उसकी दो नवजात बच्चियों को दो घंटे तक अस्पताल के बाहर भीषण गर्मी में खड़ा रहना पड़ा। सीएमओ के हस्तक्षेप पर भर्ती कराया गया। सीएमओ ने जांच के निर्देश दिए हैं।
विजयनगर के सिद्धार्थ विहार में रहने वाली गर्भवती महिला ने जिला महिला अस्पताल में जुड़वा बच्चियों को जन्म दिया है। डिलीवरी के बाद जांच पॉजिटिव आने पर एंबुलेंस तीनों को लेकर संयुक्त अस्पताल पहुंची लेकिन उन्हे भर्ती करने के नाम पर परेशान किया गया। अस्पताल प्रबंधन ने महिला और दोनों नवजात को भर्ती करने से इनकार करते हुए मेरठ ले जाने को कह दिया।
इस एंबुलेंस चालक ने कोविड टीम को इसकी जानकारी दी, कोविड टीम ने अस्पताल प्रबंधन को फोन करके महिला को कोरोना पॉजिटिव बताते हुए भर्ती किए जाने को कहा लेकिन, इस बार अस्पताल प्रबंधन ने कोरोना रिपोर्ट दिखाने को कहा और रिपोर्ट नहीं होने पर भर्ती करने से इन्कार कर दिया। इस दौरान एंबुलेंस कड़ी धूप में खड़ी रही और प्रसूता और दोनों नवजात बच्चियों की हालत खराब हो गई।
मामला सीएमओ तक पहुंचा तो उन्होंने अस्पताल के सीएमएस को फोन करके महिला को भर्ती करने को कहा। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने महिला को भर्ती किया। इस पूरे प्रकरण में दो घंटे से ज्यादा समय लगा। सीएमओ का कहना है कि इसमें किसने कोताही बरती इसकी जांच करवाई जा रही है।
नवजातों की देखभाल के लिए भी नहीं दी अनुमति
महिला के पति ने बताया कि उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से नवजात बच्चियों की देखभाल के लिए किसी को महिला के साथ रुकने की गुहार लगाई थी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन इससे भी इनकार कर दिया।
पॉजिटिव महिला गायब
उधर, नंदग्राम की एक और महिला डिलीवरी के बाद पॉजिटिव पाई गई है। महिला को लेने जब स्वास्थ्य विभाग की टीम उसके घर पहुंची तो वहां ताला लगा हुआ मिला। आसपास पूछताछ करने पर पता चला कि कई दिन से उक्त महिला घर पर नहीं है। महिला के मोबाइल नंबर को अब सर्विलांस पर लगवाया गया है।