जयपुरिया सनराइज सोसायटी में डॉक्टरों की भी एंट्री बंद, बिना पास आने-जाने की इजाजत नहीं Ghaziabad News
Coronavirus जयपुरिया सनराइज सोसायटी में कोरोना पॉजिटिव मरीज के पाये जाने के बाद डॉक्टर व अन्य आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों को भी नहीं निकलने दिया जा रहा है।
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। इंदिरापुरम की जयपुरिया सनराइज सोसायटी में कोरोना पॉजिटिव मरीज के पाये जाने के बाद डॉक्टर व अन्य आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों को भी नहीं निकलने दिया जा रहा है। डॉक्टरों से मंगलवार सुबह बोल दिया गया कि वह ई पास पास जारी कराएं इसके बाद ही उन्हें सोसायटी से निकलने दिया जाएगा।
जिला प्रशासन के इस रवैये से सोसाइटी के लोग परेशान है। आरोप है कि प्रशासन ने दावा किया था कि गेट पर ही दूध ब्रेड अंडे फल की आपूर्ति की जाएगी लेकिन प्रशासन की ओर से कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है।
बता दें कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के पाए जाने के बाद से सोसायटी की सील किया गया है। एक संक्रमित की वजह से हजारों लोगों को कैद होना पड़ रहा है। दो माह से घर में बैठे लोगों को आस थी कि वह अब बाहर निकलकर मेहनत व काम कर हालात सुधारेंगे, लेकिन अब वह सोसायटी से बाहर न निकल पाने पर परेशान हैं। आरोप है कि एक ओर सरकार लॉकडाउन खोलकर हालात सामान्य करने का प्रयास कर रही है तो दूसरी ओर स्थानीय प्रशासन बंदिशे बढ़ा रहा है।
सनराइज ग्रीन सोसायटी में 1103 फ्लैट हैं, जिनमें करीब साढ़े चार हजार लोग रहते हैं। सोसायटी के एओए पदाधिकारी तरुण चौधरी के मुताबिक सोसायटी में रहने वाले एक व्यक्ति कुछ दिन पूर्व दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में गए थे। वहां पर उनकी तबीयत खराब हुई तो उन्होंने कोरोना की जांच कराई। उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद उन्होंने एओए व जिला प्रशासन को जानकारी दी। मेडिकल की टीम उन्हें इलाज के लिए ले गई है। जिला प्रशासन की ओर से रविवार रात जयपुरिया सनराइज ग्रीन सोसायटी को सील कर दिया गया। आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग व पास धारकों को छोड़कर किसी को सोसायटी से बाहर आने-जाने की अनुमति नहीं है।
अभी तक परिवार की जांच नहीं हुई
सोसायटी के एओए की ओर से संक्रमित व्यक्ति की पत्नी और बच्चे समेत उस फ्लोर पर रहने वाले अन्य तीन परिवारों की भी कोरोना जांच की मांग की गई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से किसी का सैंपल नहीं लिया गया है। फ्लोर पर रहने वाले सभी परिवार ने खुद को होम क्वारंटाइन किया हुआ है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को सबसे पहले संक्रमित के परिवार की जांच करवानी चाहिए, वह हुई नहीं है, साढ़े चार हजार परिवारों को सोसायटी में बंद कर दिया गया है।
दूध ब्रेड के लिए गेट पर भीड़, संक्रमण का खतरा
जयपुरिया सनराइज ग्रीन सोसायटी के गेट पर सब्जी वालों की दुकान लगवाई गई है। गेट पर ही दूध, ब्रेड समेत अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जाती है। र¨वद्र सैनी का कहना है कि एक गेट के बीच से हाथ डालकर लोग बाहर से सामान लेते हैं। एक ही स्थान पर सैकड़ों लोगों का हाथ लगता है। दूध लेने के लिए गेट पर भीड़ लग जाती है ऐसे में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा है।
वहीं इंदिरापुरम की नीति खंड तीन रेल विहार सोसायटी निवासी दसमीत अग्रवाल कहती हैं कि निजी लैब की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर महिला को अस्पताल ले जाने के बाद छह मई को पूरी रेल विहार सोसायटी को सील कर दिया गया।
अन्य राज्यों में फ्लैट या गली ही सील होती है
लॉकडाउन के चौथे चरण में राज्यों ने नियमों में बदलाव किए हैं। दिल्ली में यदि कोई कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो उसकी गली या फ्लैट सील किया जाता है। वहीं मुंबई में संक्रमित व्यक्ति के फ्लैट को ही सील किया जाता है, लेकिन जिले में पूरी सोसायटी सील हो रही है।