Journalist Arrest Update: बिना वर्दी पहुंची छत्तीसगढ़ पुलिस को यूपी के गाजियाबाद में मिली मात, देशभर में उड़ा मजाक
Journalist Arrest Update बिना खाकी वर्दी के पहुंचे लोगों ने इंदिरापुरम पुलिस को बताया कि वह लोग छत्तीसगढ़ के रायपुर के पुलिसकर्मी हैं। बिना वर्दी के सोसायटी में जबरन घुसने को लेकर गाजियाबाद पुलिस से काफी नोकझोंक हुई।
गाजियाबाद [अवनीश मिश्र]। जी न्यूज के एंकर रोहित रंजन को लेकर इंदिरापुरम की निहो स्काटिश गार्डन सोसायटी में मंगलवार सुबह उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ पुलिस के बीच करीब दो घंटे तक शह-मात का खेल चला। अंत में उत्तर प्रदेश पुलिस ने छत्तीसगढ़ के पुलिसकर्मियों को मात दे दी और पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर नोएडा चली गई। बिना वर्दी पहुंची छत्तीसगढ़ पुलिस ने नियमों को भी दरकिनार किया है।
छत्तीसगढ़ पुलिस गाजियाबाद पुलिस को बिना सूचना दिए मंगलवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे निहो स्काटिश गार्डन सोसायटी के गेट पर पहुंची। आरोप है कि तीन गाड़ियों से बिना वर्दी पहने पहुंचे पुलिसकर्मियों ने सुरक्षाकर्मियों का मोबाइल अपने कब्जे में ले लिया। उनके साथ मारपीट की और बंधक बना लिया।
इसके बाद रोहित रंजन के फ्लैट पर पहुंचे। सुरक्षाकर्मियों को करीब साढ़े सात बजे तक बंधक बनाए रखा। उसके बाद उन्हें छोड़ा तो उन्होंने अपार्टमेंट आनर एसोसिएशन के पदाधिकारियों को काल करके इसकी सूचना दी। मामले की पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना दी गई।
मौके पर इंदिरापुरम कोतवाली पुलिस पहुंची। छत्तीसगढ़ पुलिस के पुलिस उपाधीक्षक ने यहां के पुलिसकर्मियों को अरदब में लेने की कोशिश की। इस पर तनातनी हो गई।
इंदिरापुरम कोतवाली की कनावनी पुलिस चौकी प्रभारी भी पूरे रौब में आ गए। उन्होंने कहा कि नियम के तहत ही कार्रवाई करने देंगे। इस बीच करीब साढ़े आठ बजे गौतमबुद्ध नगर के नोएडा सेक्टर-20 थाने की पुलिस पहुंची।
उनके साथ भी करीब एक घंटे तक छत्तीसगढ़ पुलिस की तीखी नोकझोंक हुई। इसके बाद रोहित रंजन को गौतमबुद्ध नगर पुलिस हिरासत में लेकर चली गई। अंत में छत्तीसगढ़ पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा।
स्थानीय थाने को सूचना देना आवश्यक
किसी भी प्रदेश की पुलिस अगर दूसरे राज्य में किसी आरोपित को गिरफ्तार करने जाती है तो उसे स्थानीय पुलिस को सूचना देना आवश्यक है। अपने उच्चाधिकारियों की अनुमति जरूरी है। साथ ही पूरे प्रकरण के दस्तावेज भी दिखाने जरूरी हैं। पुलिसकर्मियों को वर्दी पहनना भी आवश्यक है, लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस नियम का पालन नहीं किया।