UP: यकीन मानिए और आजमाइये, तनाव व अकेलापन दूर करता है संगीत Ghaziabad News
ज्यादा तनाव मानसिक समस्याओं का मूल कारण बन सकता है। आज के तनावपूर्ण स्थिति में संगीत ऐसा माध्यम है जिससे तनाव को दूर रखा जा सकता है।
गाजियाबाद [दीपा शर्मा]। केंद्रीय आर्य युवक परिषद की ओर से कोरोना महामारी के दौर में तनाव को कम करने के लिए ऑनलाइन गीत-संगीत गोष्ठी का आयोजन किया गया। गायत्री मंत्र व ईश्वर भक्ति के भजन के साथ वीरेंद्र आहूजा ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। आर्य समाज के भजनोपदेशक पंडित दिनेश पथिक ने ऋषि कौम का रहनुमा बनके आया, गीत के माध्यम से स्वामी दयानंद सरस्वती को याद किया। देश भक्ति गीतों के माध्यम से देश के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि आज के समय में प्रत्येक व्यक्ति को किसी न किसी बात का तनाव या चिंता रहती है। कई ऐसे अवसर आते हैं जब जीवन में भावनात्मक तनाव भी महसूस करते हैं जो कि एक स्वस्थ संकेत नहीं है। ज्यादा तनाव मानसिक समस्याओं का मूल कारण बन सकता है। आज के तनावपूर्ण स्थिति में संगीत ऐसा माध्यम है जिससे तनाव को दूर रखा जा सकता है।
वहीं योगाचार्य सौरभ गुप्ता ने गोष्ठी का कुशल संचालन करते हुए कहा कि अच्छा संगीत सुनना मस्तिष्क में डोपामाइन नामक हार्मोन को रिलीज करने में मदद करता है जिससे एकाग्रता बढ़ती है। शोधों में संगीत सुनने और मस्तिष्क के विकास के बीच एक मजबूत संबंध पाया गया है। संगीत सीखने वाले बच्चों में मस्तिष्क के विकास और स्मरण शक्ति बेहतर पाई गई है। स्ट्रोक जैसी बीमारी का भी जोखिम कम होता जाता है।
तनाव दूर करने में सक्षम है संगीत
यह बिल्कुल सत्य है कि तनाव को संगीत के जरिये दूर किया जा सकता है। संगीत एक ऐसा माध्यम है, जो सुनते ही आपको तनाव से दूर ले जाता है।
इस मौके पर प्रांतीय महामंत्री प्रवीण आर्य, आर्य नेता नरेंद्र आर्य, संगीता आर्या, किरण सहगल, अनुपमा गुप्ता, आचार्या श्रुति शास्त्री, पुष्पा चुघ, आचार्य महेंद्र, यज्ञवीर चौहान, आनंद प्रकाश आर्य, ओम सपड़ा, सुरेंद्र शास्त्री, गीता गर्ग और उर्मिला आर्या सहित अन्य मौजूद रहे।