डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद की हत्या का प्रयास, दो हिरासत में
बुधवार को मंदिर परिसर में दो संदिग्ध घुस आए। सेवादारों को संदिग्ध लगने के बाद तलाशी ली गई तो उनके पास से तीन सर्जिकल ब्लेड व कुछ आपत्तिजनक दवाएं बरामद हुईं। दावा किया गया है कि यह दवा घातक जहर है।
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या के लिए आए आतंकी कश्मीर निवासी जान मोहम्मद उर्फ डार को 15 दिन पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार किया था, तत्काल बाद ही महंत की हत्या का दोबारा प्रयास किया गया। बुधवार को मंदिर परिसर में दो संदिग्ध घुस आए। सेवादारों को संदिग्ध लगने के बाद तलाशी ली गई तो उनके पास से तीन सर्जिकल ब्लेड व कुछ आपत्तिजनक दवाएं बरामद हुईं। दावा किया गया है कि यह दवा घातक जहर है। इसके बाद सेवादारों ने संदिग्धों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। दोनों अपने को हिंदू बताकर मंदिर परिसर में शामिल हुए थे लेकिन इनमें से एक की पहचान मुस्लिम के रूप में हुई है। उसने पुलिस को अपना असली नाम कासिफ बताया है। पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है।
डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने बताया कि मंदिर परिसर में पुलिस की तरफ से एक गारद तैनात है। रात करीब नौ बजे दो युवक मंदिर परिसर में घुसे। एक व्यक्ति ने बाहर पुलिसकर्मियों के पास रजिस्टर में अपनी एंट्री डॉ. विपुल विजय वर्गीय नागपुर व दूसरे ने काशी गुप्ता के नाम से कराई। उस समय वह मंदिर में मौजूद नहीं थे, एक न्यूज चैनल पर डिबेट में भाग ले रहे थे।
भीतर जाने पर सेवादारों को दोनों पर शक हुआ और उन्होंने दोनों के बैग की तलाशी ली। बैग में तीन सर्जिकल ब्लेड व आपत्तिजनक दवाएं थीं। इसके बाद सेवादारों ने पुलिस को फोन किया और दोनों संदिग्धों को पुलिस के हवाले कर दिया। इस मामले में महंत के करीबी अनिल यादव ने पुलिस को तहरीर दी है। एसपी देहात डॉ. इरज राजा ने बताया कि काशी गुप्ता के नाम से एंट्री कर मंदिर परिसर में घुसने वाले का असली नाम कासिफ है। दोनों से पूछताछ की जा रही है।