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नमाज के बाद लौट रहे युवकों पर कुर्बानी देने वाले छुरे से हमला, आरोपी फरार

इमरान कुछ कहता इससे पहले ही व्यक्ति ने कुर्बानी देने वाले छुरे से उसकी गर्दन पर हमला कर दिया। अदनान ने उसे बचाने की कोशिश की तो आरोपी ने उस पर भी हमला कर दिया।

By Amit MishraEdited By: Published: Sun, 03 Sep 2017 07:26 PM (IST)Updated: Sun, 03 Sep 2017 07:33 PM (IST)
नमाज के बाद लौट रहे युवकों पर कुर्बानी देने वाले छुरे से हमला, आरोपी फरार
नमाज के बाद लौट रहे युवकों पर कुर्बानी देने वाले छुरे से हमला, आरोपी फरार

गाजियाबाद [जेएनएन]। ईद उल जुहा के मौके पर शनिवार सुबह मस्जिद से नमाज के बाद लौट रहे दो युवकों पर धारदार हथियार से हमला कर घायल कर दिया। आरोप है कि हमले के वक्त तीन पुलिसकर्मी सामने मस्जिद पर ही तैनात थे, लेकिन उन्होंने हमलावर को पकड़ने की कोशिश नहीं की। इसके चलते मौके पर सैकड़ों की संख्या में जमा होकर लोगों ने हंगामा किया, जबकि हमले का आरोपी युवक हथियार लहराते हुए मौके से फरार हो गया।

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सूचना पाते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और घायलों को एमएमजी अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज का आश्वासन देकर प्रशासन ने लोगों को शांत कराया। तनाव को देखते हुए मौके पर पांच घंटे तक भारी पुलिस फोर्स तैनात रही।

कैला भट्टा में गली-7 में रहने वाले ऑटो चालक मोहम्मद इरशाद ने बताया कि उनका 28 वर्षीय बेटा इमरान भी ऑटो चलाता है। बकरीद के दिन वह ईदगाह वाली मस्जिद में और इमरान पास की मरकज मस्जिद में नमाज पढ़ने गया था। नमाज के बाद सुबह पौने नौ बजे इमरान नमाज के बाद लौट रहा था। मस्जिद से 100 कदम की दूरी पर एक युवक आया और इमरान से पता पूछने लगा।

कुर्बानी देने वाले छुरे से हमला 

इमरान कुछ कहता इससे पहले ही व्यक्ति ने कुर्बानी देने वाले छुरे से उसकी गर्दन पर हमला कर दिया। पास से गुजर रहे 18 वर्षीय अदनान ने उसे बचाने की कोशिश की तो आरोपी ने उस पर भी हमला कर दिया। इससे उसके कान के पास गहरा घाव हो गया।

पुलिस ने नहीं की मदद 

आरोप है कि इस दौरान मरकज मस्जिद के बाहर तीन पुलिसकर्मी बैठे थे। इसके बाद भी उन्होंने आरोपी को पकड़ने की कोशिश नहीं की। हमलावर हथियार हवा में लहराते हुए छोटी रेलवे लाइन की ओर फरार हो गया। दोनों घायलों को पुलिस ने एमएमजी अस्पताल भर्ती कराया, जहां से परिजन उन्हें नेहरूनगर के यशोदा अस्पताल ले गए।

इलाज के आश्वासन पर शांत हुए लोग

घटना के वक्त सैकड़ों की संख्या में लोग नमाज से लौट रहे थे। लोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसके बाद एसएचओ लक्ष्मी सिंह समेत सीओ प्रथम मनीषा और एसएसपी हरिनारायण सिंह समेत कई प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। तुरंत विजयनगर और सिहानीगेट थाने से भी फोर्स मंगाई गई। वहीं लोगों को शांत करने के लिए प्रशासन की ओर से घायलों के इलाज का आश्वासन दिया गया।

घटना के बाद करीब पांच घंटे तक पुलिस बल तैनात रहा। हालांकि शाम तक फोर्स हटा ली गई थी। इरशाद ने बताया कि एडीएम प्रीति जायसवाल अस्पताल उनसे मिलने पहुंची और उन्होंने पूरे इलाज की बात कही है। डॉक्टरों का कहना है कि फिलहाल इमरान और आदिल की हालत खतरे से बाहर है। उन्हें आइसीयू में रखा गया है।

सीसीटीवी कैमरे बंद मिले

सीओ प्रथम ने बताया कि प्राथमिक जांच में इमरान पर रंजिशन हमला लग रहा है। हालांकि पिता इरशाद और इमरान के बड़े भाई इकराम ने इससे इन्कार किया है। पुलिस का कहना है कि इमरान की स्थिति ठीक होने पर उससे हमलावर के बारे में पूछताछ की जाएगी।

एसएचओ का कहना है कि जिस रास्ते से आरोपी भागा उस रास्ते पर एक मंदिर में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन ये बंद थे। मंदिर के पुजारी ने बताया कि सफाई के कारण करंट आने के डर से कैमरे बंद कर दिए थे। हालांकि मामले में पुलिस को अभी तक तहरीर नहीं मिली है। हालांकि पुलिस लोगों से पूछताछ के आधार पर हमलावर का पता लगाने में जुटी है। 

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