NIA Raids At PFI Offices: गाजियाबाद में पीएफआइ के एजेंट को गिरफ्तार करने पहुंची एटीएस की टीम व पुलिस बल पर हमला
फिलहाल विषय में पुलिस का कोई भी अधिकारी फिलहाल कुछ भी बोलने से बच रहा है। इस बारे में सीईओ सुनील कुमार सिंह का कहना है कि मामले में अभी कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है उच्च अधिकारियों के आदेश पर ही अग्रिम कार्रवाई सुनिश्चित होगी।
गाजियाबाद / मोदीनगर, जागरण संवाददाता। भोजपुर थाना क्षेत्र के कलछीना गांव में पीएफआई के एजेंट परवेज आलम को गिरफ्तार करने पहुंची एटीएस की टीम व पुलिस बल पर बुधवार रात को हमला हो गया। भीड़ का फायदा उठाकर परवेज आलम फरार हो गया। पुलिस ने फिलहाल परवेज के पिता व भाई को हिरासत में लिया है। वहीं, खबर यह भी है कि परवेज आलम को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है।
पीएफआई का वेस्ट यूपी का प्रभारी रह चुका है परवेज
गौरतलब है कि परवेज को पूर्व में भी मेरठ से गिरफ्तार किया गया था। मेरठ में हापुड़ रोड पर पीएफआई का पश्चिमी क्षेत्र का कार्यालय है। वह पीएफआई का पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी भी रह चुका है। पूर्व में कलछीना स्थित उसके घर से एटीएस की टीम को भड़काऊ पोस्टर व अन्य सामग्री मिली थी। तभी से पुलिस के साथ-साथ एटीएस की टीम की भी उस पर नजर बनी हुई है।
हिरासत में लेने के बाद भागने में हुआ सफल
जानकारी के मुताबिक, एटीएस की टीम देश भर के पीएफआई के एजेंटों की कुंडली खंगाल रही है। संदिग्ध गतिविधि का इनपुट मिलने के बाद एटीएस की टीम पुलिस बल के साथ बुधवार रात को कलछीना गांव में परवेज के घर पर पहुंची थी। परवेज को एटीएस व पुलिस बल की टीम ने हिरासत में भी ले लिया था। इसी दौरान शोर-शराबा होने पर ग्रामीण इकट्ठा हो गए।
भाई और पिता पुलिस हिरासत में
पुलिस बल, एटीएस की टीम व ग्रामीणों में थोड़ी हाथापाई भी हुई। शोर-शराबा और भीड़ बढ़ने का फायदा उठाकर परवेज फरार हो गया। बाद में पुलिस ने परवेज के पिता व भाई को हिरासत में ले लिया। अब भोजपुर थाने में बैठे हुए हैं। हालांकि, दिल्ली से परवेज के गिरफ्तार होने की जानकारी पुलिस को मिली है।
इससे पहले एनआइए टीम पर भी हुआ था हमला
ध्यान रहे कि दिसंबर 2017 में एनआईए की टीम भोजपुर के नहाली गांव में मलूक को गिरफ्तार करने आई थी। उस समय भी मलूक और उसके साथियों ने एनआईए की टीम पर हमला कर दिया था। इसमें टीम के कई सदस्य घायल हो गए थे।
मलूक पर पंजाब में आर एस एस के पदाधिकारी की हत्या में शामिल हमलावरों को हथियार उपलब्ध कराने का आरोप था। मौका पाकर मलूक फरार हो गया था। हालांकि बाद में एनआईए की टीम ने उसको गिरफ्तार कर लिया था।