गाजियाबाद: पुलिस के लिए सिरदर्द बनी अक्षय हत्याकांड की जांच, पीड़ित परिवार ने बनाया दबाव
अक्षय के परिवार के लोग नामजदों की गिरफ्तारी सबसे पहले करने की मांग कर रहे हैं। ऐसा न होने पर अक्षय के परिवार के लोगों ने आत्मदाह की चेतावनी दी हुई है।
मोदीनगर (गाजियाबाद), जागरण संवाददाता। अक्षय हत्याकांड की गुत्थी सुलझने की बजाए और उलझती जा रही है। जहां एक ओर अक्षय के परिवार वाले मुकदमे में नामजद आरोपितों की गिरफतारी की मांग कर रहे हैं। वहीं, पुलिस कुछ नामजदों को क्लीनचिट देकर अन्य लोगों की गिरफ्तारी में लगी हुई है। जबकि, अक्षय के परिवार के लोग नामजदों की गिरफ्तारी सबसे पहले करने की मांग कर रहे हैं। ऐसा न होने पर अक्षय के परिवार के लोगों ने आत्मदाह की चेतावनी दी हुई है। जिसके चलते अधिकारियों की टेंशन बढी हुई है।
बता दें कि तिबड़ा रोड स्थित कृष्णाकुंज कॉलोनी में अक्षय की 24 अगस्त को गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। मामले में अक्षय के पिता जितेंद्र ने दीपेंद्र के जीजा विकास, उसकी बहन रूबी, सप्पू समेत आठ लोगों को नामजद किया था। पुलिस आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास कर रही है। लेकिन अभी तक पुलिस केवल रूबी को ही गिरफ्तार कर सकी है।
शूटर अश्वनी ने पिछले दिनों कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। जिसे पीसीआर पर लेकर पुलिस ने उससे पूछताछ की। उसकी निशानदेही पर मुरादनगर के शहजादपुर निवासी अमित और निवाड़ी के हनी समेत कई अन्य लोगों की भूमिका सामने आई थी। पुलिस उनकी गिरफ्तारी में लगी हुई है। लेकिन अक्षय के परिवार के लोग पुलिस की इस कार्रवाई से नाखुश है। उनका कहना है कि पुलिस मामले में कई प्रभावशाली नामजदों के बचा रही है। मामले को दो सप्ताह से ज्यादा का वक्त होने को है। लेकिन पुलिस केवल रूबी को ही गिरफ्तार कर सकी है।
इसलिए वे परिवार सहित थाने पर आत्मदाह करेंगे। उधर, सूत्रों की मानें तो पुलिस की अब तक की जांच में कई नामजदों को क्लीनचिट मिल गई है। जबकि, उनकी गिरफ्तारी अक्षय के परिवार वालों की पहली मांग है। ऐसे में मोदीनगर पुलिस की टेंशन बढ़ी हुई है। पुलिस को अक्षय के परिवार को समझाने का कोई तरीका फिलहाल समझ नहीं आ रहा है।
इस बारे में एसएचओ जयकरण सिंह का कहना है कि मामले में विकास और सप्पू ने दिल्ली जेल में बंद हैं। रूबी को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। एनबीडब्ल्यू मिलने के बाद रूबी समेत चार आरोपितों पर 15-15 हजार का ईनाम घोषित किया जा चुका है। किसी भी स्तर पर मामले में लापरवाही नहीं बरती जा रही है। अभी प्रकरण की जांच चल रही है। किसी को भी क्लीनचिट देने का अभी सवाल ही नहीं है।
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