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देश का सबसे प्रदूषित शहर बना यूपी का गाजियाबाद, धीमी हवा की गति ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें

गाजियाबाद बृहस्पतिवार को देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा। सुबह आठ बजे के एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार प्रदूषण का स्तर 416 दर्ज किया गया।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 11:22 AM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 11:22 AM (IST)
देश का सबसे प्रदूषित शहर बना यूपी का गाजियाबाद, धीमी हवा की गति ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें
देश का सबसे प्रदूषित शहर बना यूपी का गाजियाबाद, धीमी हवा की गति ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें

साहिबाबाद [गौरव शशि नारायण]। बीते दो दिनों से वायु प्रदूषण बढ़ने का क्रम बृहस्पतिवार को भी जारी रहा। बृहस्पतिवार को गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा। सुबह आठ बजे के एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार गाजियाबाद का सूचकांक 416 दर्ज किया गया। जिला रेड जोन में है और वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद खतरनाक हो गई है।

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हवा की धीमी गति वायु प्रदूषण के स्तर को लगातार प्रभावित कर रही है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा ने कहा है कि बुधवार को हवा की गति बेहद कम थी बृहस्पतिवार को भी हवा की गति छह किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही है, अगर दोपहर तक मौसम में परिवर्तन और हवा की गति में तेजी नहीं आई तो वायु प्रदूषण की स्थिति और खतरनाक हो जाएगी।

उधर बढ़ते प्रदूषण से परेशान अभिभावक संघ ने जिला प्रशासन से मांग की है कि बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए स्कूलों में दोबारा से छुट्टी की जाए। वहीं वरिष्ठ चिकित्सक केके पांडे का कहना है कि हवा में इस वक्त धूल के महीन कण सर्वाधिक पाए जा रहे हैं जो बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए हानिकारक हैं। ऐसे में प्रदूषण के कण से बचने के लिए मास्क और गीले कपड़े का मुंह पर इस्तेमाल करना बचाव का बेहतर तरीका है।

वायु प्रदूषण फैलाने वालों से सख्ती से निपटने के निर्देश

गाजियाबाद जिले में बढ़ते हुए प्रदूषण पर काबू पाने के लिए जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने बुधवार को जिले के विभिन्न अधिकारियों के साथ कलक्ट्रेट सभागार में बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती से पेश आएं और उन पर कार्रवाई करें। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह प्रतिदिन प्रदूषण पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट उनके समक्ष प्रस्तुत करेंगे।

जिलाधिकारी ने बैठक में वायु प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से व एनजीटी के नियमों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने कहा कि अधिकारी जिले के वायु प्रदूषण को कम करने के लिए नियमित व निरंतर रूप से अभियान चलाकर कार्रवाई करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि वायु प्रदूषण को लेकर जो वर्तमान तक दंडात्मक कार्रवाई की गई है, सभी विभागीय अधिकारियों को उसकी रिपोर्ट शाम तक प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को देनी आवश्यक होगी।

किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर बैन

डीएम ने निर्माण एजेंसियों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्तमान में जिले में किसी भी प्रकार का भी निर्माण नहीं किया जाए और एनजीटी के नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने प्रदूषण विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में कहीं भी कूड़ा-करकट जलाने पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई सुनिश्चित करें।

डीएम ने यातायात पुलिस व परिवहन विभाग को भी निर्देश दिए कि वायु प्रदूषण कम करने के लिए उनके द्वारा भी अभियान चलाकर प्रदूषण करने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। मिलावटी पेट्रोल व डीजल के संबंध में पेट्रोल पंपों की जांच आपूर्ति विभाग के अधिकारियों द्वारा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदूषण कम करने के लिए लगातार पानी का छिड़काव कराया जाए।

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