दो दिन भूकंप के झटकों से दहशत में लोग, गाजियाबाद में उठी बहुमंजिला इमारतों के ढांचागत जांच की मांग
दो दिन लगातार भूकंप के झटकों के बाद लोगों का कहना है कि बिल्डरों ने इमारतों के निर्माण में लापरवाही बरती गई है जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ सकता है। लोग इमारतों के ढांचागत जांच की मांग करने लगे हैं।
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। दो दिन लगातार भूकंप के झटकों के बाद गाजियाबाद में बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले लोग सहमे हैं। लोगों को इमारतों की जर्जर हालत से खतरा सता रहा है। लोगों का कहना है कि बिल्डरों ने इमारतों के निर्माण में लापरवाही बरती गई है, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ सकता है। लोग इमारतों के ढांचागत जांच की मांग करने लगे हैं। मंगलवार रात शालीमार सिटी सोसायटी में सातवीं मंजिल पर भूकंप के कारण बालकनी के पिलर में दरार भी आ गई थी।
लोगों का कहना है कि छोटे छोटे भूकंप के झटकों के बाद बड़ा भूकंप आता है। एसे में सोसायटियों में लोग सतर्क हैं। लोगों को बड़े भूकंप का खतरा सता रहा है। मंगलवार रात आए भूकंप के झटकों के दौरान बहुमंजिला इमारतों से लोग सीढ़ियों से उतरे। कोई महिलाएं गोद में बच्चा लेकर 10 मंजिल ऊपर से नीचे आ गईं। भूकंप के दौरान लिफ्ट फंस सकती थी।
ऐसे में लोगों ने लिफ्ट का प्रयोग नहीं किया। करीब एक घंटे तक सोसायटियों में लोग घरों से लोग बाहर रहे। डरे सहमे लोग फोन पर अपनों को फोन कर हाल पूछते रहे। करीब एक घंटे तक घरों से बाहर रहे। इंदिरापुरम की एंजल जुपिटर सोसायटी , ईस्टर्न हाइट्स, गुलमोहर ग्रीन्स, सेवियर पार्क, शालीमार सिटी, पार्श्वनाथ रिगालिया, शिखर एन्क्लेव समेत समेत अन्य सोसायटियों में लोगों ने इमारतों के ढांचागत जांच की मांग की है।
भूकंप से पिलर में आई दरार
गरिमा गार्डन स्थित शालीमार सिटी सोसायटी के सैंडल - ए टावर की सातवीं मंजिल में राजेश परिवार के साथ रहते हैं। उन्होंने बताया कि भूकंप के दौरान मंगलवार रात उनके बालकनी के पिलर में दरार आ गई । सोसायटी के लोगों ने ट्वीट कर इसकी जीडीए व अन्य अधिकारियों से शिकायत की है।
भूकंप से बचाव में बरतें ये सावधानियां
- भूकंपरोधी इमारत के सभी मानकों का पालन करें
- छत नींव में दरार हो तो मरम्मत कराएं।
- ढांचागत कमी दिखे तो विशेषज्ञों से सलाह लें।
- पंखे, झूमर व सीलिंग में लगी लाइटों को सही तरह से टांगें।
- घर के अंदर तथा बाहर सुरक्षित स्थानों को पहचान कर रखें। जैसे टेबल, बेड, दीवार का कोना आदि।
- भूकंप आने पर मजबूत मेज अथवा अन्य मजबूत फर्नीचर के किसी हिस्से के नीचे शरण लें।
- भूकंप के दौरान इमारत, पेड़, स्ट्रीट लाइट आदि से दूर रहें।
- भूकंप के दौरान इमारत की डेढ़ गुना दूरी पर खड़े हों।
स्थानीय निवासी राजेश झा ने बताया कि शालीमार सिटी सोसायटी में भूकंप से बालकनी की पिलर में दरार आ गई। इससे सुरक्षा को खतरा बढ़ गया है। प्रशासन को अविलंब इमारत की ढांचागत जांच करानी चाहिए।
फेडरेशन आफ एओए के अध्यक्ष अमरीश गर्ग ने बताया कि नोएडा में प्रशासन की ओर से इमारतों की ढांचागत जांच कराई जाती है। गाजियाबाद में भी बड़ी संख्या में बहुमंजिला भवन हैं। यहां पर भी प्रशासन को ढांचागत जांच करानी चाहिए।