मसूरी सप्ताहभर से सील, खाने-पीने की वस्तुओं की किल्लत
कोरोना के चार पॉजीटिव मरीज मिलने मसूरी को पूरी तरह सील किया गया है। सप्ताह भर से सील हुए मसूरी में दूध सब्जी फल व राशन के लिए लोगों ने शिकायत की है। इसके अलावा यहां गांव को सैनिटाइज न करने की शिकायत भी ग्राम प्रधान की ओर से की गई है। यहां 56 संदिग्ध लोगों को कोरंटाइन किया गया है।
संवाद सहयोगी, मसूरी : कोरोना के चार पॉजिटिव मरीज मिलने पर मसूरी को पूरी तरह सील किया गया है। सील हुए मसूरी में दूध, सब्जी, फल व राशन के लिए लोगों ने शिकायत की है।
मसूरी में पांच हजार मकान और आबादी करीब 50 हजार है। यहां कोरोना पॉजिटिव चार केस मिलने के बाद बाद उनके संपर्क में आए 56 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है।
कोरोना वायरस के खतरे से अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने तीन अप्रैल से मसूरी को हॉटस्पॉट की श्रेणी में रखकर पूरी तरह सील किया है। यहां खाद्य आपूर्ति और दवाइयों के लिए कुछ दुकानदारों के नंबर चस्पा किए गए हैं, लेकिन आबादी के लिहाज से यह इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। प्रशासन की ओर से चार किराना तथा खाद्य आपूर्ति कर्ताओं के नाम व फोन नंबर की सूची मुख्य स्थलों पर चस्पा की गई है। दूध आपूर्ति के लिए चार फोन नंबर हैं। दवा आपूर्ति के लिए के लिए भी नंबर दिए गए हैं। फल व सब्जी के लिए एकमात्र नाम है। करीब ढाई किलोमीटर क्षेत्र में फैला मसूरी 50 से अधिक दैनिक सब्जी व फल विक्रेता फल आपूर्ति करते थे। मसूरी सील होने पर एकमात्र सब्जी विक्रेता से सब्जी आपूर्ति नहीं हो पा रही है। क्षेत्र को किया सैनिटाइज
क्षेत्र को छोड़कर अभी तक पूरे गांव को सैनिटाइज भी नहीं किया गया है। गत तीन अप्रैल को तत्काल प्रभाव से कोरोना वायरस से बचाव तथा नियंत्रित करने के उद्देश्य से सील किया गया। आदेश के माध्यम से बताया गया था कि मसूरी स्थिति मोहल्ला नाली पाड़ा तथा जामा मस्जिद के आसपास कोरोना संक्रमित लोग मिले। मसूरी के ग्रामीणों का कहना है कि अभी तक कुछ जगह को छोड़कर बाकी जगह सैनिटाइज करने के लिए मशीन या गाड़ी नहीं पहुंची हैं। :::::::::::
इतने बड़े गांव को प्रशासन ने सील तो कर दिया है, परंतु सभी सुविधाओं का अभाव है। गांव में सफाई भी नहीं हो रही है। जगह-जगह कूड़े का ढेर लग गए हैं। लोग सब्जी, दूध और राशन के लिए परेशान हैं।
- मुंशी नजर मोहम्मद, सामाजिक कार्यकर्ता प्रशासन की ओर से सब जगह दूध मसूरी भेजा जा तो रहा है परंतु बहुत बड़ा इलाका होने का कारण सभी गलियां और मोहल्लों में फल तथा दूध जैसी मुख्य खाद्य आपूर्ति ठीक से नहीं हो पा रही है।
-आसिफ अली, एडवोकेट प्रशासन द्वारा जो फोन नंबर डिस्प्ले किए गए हैं। उन पर अक्सर फोन ही नहीं लगता है। इससे मसूरी निवासियों की मूल समस्याओं से प्रशासन को अवगत नहीं कराया जा सकता। एक सप्ताह बीत गया, गांव को सैनिटाइज नहीं कराया गया।
- शकील अहमद
निकट भविष्य में उन्हें राशन की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। गेहूं काट कर उनका परिवार पूरे साल भर का अनाज जमा कर लेते हैं। गेहूं काटने के लिए गांव जाना चाहते हैं। परंतु पुलिस द्वारा उन्हें परमिशन नहीं दी गई।
- कदीर अहमद, किरायेदार मसूरी को पूरी तरह सील किया गया है। मूलभूत सुविधाओं के लिए प्रशासन द्वारा फोन नंबर की सूची कई स्थानों पर चस्पा की गई है। लोग फोन करके संबंधित विक्रेताओं को बताएंगे तो सामान घर-घर पहुंचाया जाएगा। इसके अलावा गश्ती पुलिस से भी जरूरी सामान के बारे में बात करते हैं।
- उमेश पंवार, एसएचओ मसूरी